सांगानेर के ये 'शतक' वीर...बेबसों की मिटा रहे पीर
'मानव सेवार्थ, परहितार्थ' ग्रुप के जरिए 100 व्यापारी सांगानेर के दिहाड़ी मजदूरों को पहुंचा रहे रोज राशन अभी तक 1700 की हो चुकी है मदद, सेवा में बढ़-चढ़कर सहयोग दे रहे लोग जस्ट टुडे सांगानेर। हर प्राणी में ईश्वर का वास होता है। इसलिए ही नर सेवा को नारायण सेवा कहा गया है। कोरोना संकट के इस दौर में सांगानेर के समाज-सेवी कुछ ऐसी ही नर सेवा के जरिए नारायण सेवा कर रहे हैं। लॉकडाउन 2.0 के दिन से ही इनका सेवा कार्य जारी है। लॉकडाउन की गंभीरता और जरूरतमंदों की बेबसी को समझते हुए ये मानव सेवा का धर्म निभा रहे हैं। इन समाज-सेवियों का कहना है कि यदि लॉकडाउन 3 मई के बाद भी चलता है तो भी यह सेवा कार्य जारी रहेगा। मैं चलता गया और कारवां बनता गया इन समाज-सेवियों ने लॉकडाउन 2.0 में 'मानव सेवार्थ, परहितार्थ' नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया और करीब 100 व्यापारियों को इससे जोड़ा। ये सभी व्यापारी रंगाई-छपाई इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। ऐसे में इन्होंने सांगानेर क्षेत्र में रंगाई-छपाई उद्योग से जुड़े दिहाड़ी मजदूरों को राशन पहुंचाने का बीड़ा उठाया। कहते हैं...नेक काम में भगवान भी किसी ना किस