गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं के लिए जारी किए विशेष दिशा-निर्देश

जस्ट टुडे

जयपुर। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर कोरोना आपदा के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की गई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार प्रसव पूर्व  देखभाल सेवाओं के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को गर्भधारण के साथ ही अतिशीघ्र रजिस्ट्रेशन कर लिया जाए एवं पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लाइन लिस्टिंग सुनिश्चित की जाए। पीसीटीएस लाइन लिस्टिंग के अनुसार अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं एवं सामान्य गर्भवती महिलाओं का वर्गीकरण कर लिया जाए।

 


इसी तरह विभागीय प्रोटोकॉल के अनुसार प्रत्येक गर्भवती महिला को हीमोग्लोबिन की मात्रा अनुसार आईएफए, कैल्शियम और एल्बेंडाजोल की गोलियां उनके घर पर ही आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से अन्यथा चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र पर एएनसी जांच के लिए 104 जननी एक्सप्रेस वाहन द्वारा भेजा जा सकता है।

 

निर्धारित दिशा-निर्देश के अनुसार सभी ब्लड बैंक अथवा ब्लड स्टोरेज यूनिट को क्रियाशील रखा जाना अति आवश्यक है ताकि मांग अनुसार ब्लड की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। जिले में उपलब्ध विशेषज्ञ सेवाएं गर्भवती महिलाओं को समय पर प्राप्त हो सके एवं अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को समुचित संस्थान पर रैफर किया जा सके, यह सुनिश्चित किया जाए ताकि समय पर आपातकालीन सेवा प्राप्त हो सके। कंटेनमेंट, हॉटस्पॉट और क्लस्टर एरिया के अधीन ऎसी गर्भवती महिलाएं जिनकी आगामी 2 सप्ताह में प्रसव की संभावित दिनांक आने वाली है उन्हें एएनएम आशा द्वारा प्रथक से सूचीबद्ध कर नजदीकी संस्थान पर कोविड की जांच अथवा स्क्रीनिंग की जाए ताकि प्रसव के समय उनकी जांच की रिपोर्ट के अनुसार प्रसव सेवाएं दी जा सके।

 

प्रसव सेवाएं संबंधी निर्देश देते हुए बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं उपजिला चिकित्सालय स्तर पर सामान्य प्रसव सेवाएं उपलब्ध की जानी चाहिए। इन सभी कंद्रों पर प्रसव पूर्व सेवाएं सामान्य प्रसव एवं आवश्यक नवजात शिशु सेवाएं उन सभी महिलाओं को दी जानी है जो कोरोना जांच में नेगेटिव पाई जाती है। सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय एवं क्रियाशील एफ.आर.यू केंद्रों पर कॉम्पि्रहेंसिव आपातकालीन जिसमें सिजेरियन प्रसव सेवाएं भी सम्मिलित है, दी जानी हैं। साथ ही मेडिकल कॉलेज अथवा जिला चिकित्सालय जो कोरोना के लिए चयनित हैं उनमें कोविड-19 पॉजिटिव व संदिग्ध गर्भवती महिलाओं को प्रसव सेवाएं दी जानी है।

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