यहां ना आंगन है और ना ही बाड़ी

- सांगानेर में चाकसू दरवाजा स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र के हालात कबाडख़ाने जैसे


जस्ट टुडे
जयपुर।
शिकारपुरा रोड स्थित चाकसू दरवाजा में सांगानेर-9 नामक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। यह आंगनबाड़ी केन्द्र अपनी बदहाली पर खुद ही आंसू बहा रहा है। सरकार ने क्षेत्र के जज्चा और बच्चा को सेहतमंद और शिक्षित बनाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केन्द्र खोले थे। लेकिन, इस आंगनबाड़ी केन्द्र में ना तो आंगन है और ना ही बाड़ी। यहां पर ना बच्चों के लिए बैठने की जगह है और ना ही साफ-सफाई है। केन्द्र के पास जगह-जगह कचरे के ढेर हैं। जिस आंगनाबाड़ी केन्द्र में बच्चों के लिए पढ़ाई के साजो-सामान होने चाहिए, वहां पर कबाड़ और फालतू का सामान रखा हुआ है। ऐसे में इस आंगनबाड़ी केन्द्र को कबाडख़ाना कहें तो कोई आश्चर्यजनक नहीं होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा देवी रैगर ने बताया कि इन अव्यवस्थाओं के बारे में कई बार जिम्मेदारों को बताया। लेकिन, अब तक इनका हल नहीं हुआ है। सुमित्रा देवी ने कहा कि वैसे तो सांगानेर में कई भामाशाह हैं, लेकिन, आंगनबाड़ी केन्द्र के विकास के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा है। 

बच्चों के बीमार होने का रहता है खतरा


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा देवी ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों, धात्री और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होता है। उन्होंने बताया कि उनके केन्द्र पर करीब 246 बच्चे और 52 महिलाएं हैं, जिनका समय-समय पर टीकाकरण किया जाता है। इसके अलावा 30 बच्चे पढऩे आते हैं। उन्होंने बताया कि अभी केन्द्र जिस कमरे में चल रहा है, उसमें आधी जगह में तो सब्जी के खाली कैरेट, खराब कूलर, पंखा और आलमारी सहित अन्य सामान रखा हुआ है। ऐसे में स्टाफ और बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण और पोषाहार वितरण वाले दिन बहुत ज्यादा परेशानी होती है। पर्याप्त जगह नहीं होने से महिलाओं को बाहर ही लाइन में खड़ा करना पड़ता है। 

गर्मी में बदतर हो जाते हैं हालात


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि उनके कमरे के पास बहुत कचरा रहता है। आस-पास रहने वाले लोग अपने घरों का कचरा वहां पर फेंक जाते हैं। ऐसे में बीमारियों का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने कहा कि कचरे को देखकर आंगनबाड़ी केन्द्र के बजाय कचररा डिपो ज्यादा लगता है। उन्होंने बताया कि इस आंगनबाड़ी केन्द्र में ना तो बिजली है और ना ही कूलर-पंखा। ऐसे में गर्मियों के दिनों में क्या हालत होती होगी, इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम तो जैसे-तैसे एडजस्ट कर लेते हैं। लेकिन, बच्चे गर्मी को सहन नहीं कर पाते हैं। 

जल्द कराएंगे समाधान

सांगानेर बाजार के युवा व्यापारी और सांगानेर धरोहर बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश बुलचंदानी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध सांगानेर में आंगनबाड़ी केन्द्र के ऐसे हालात देखकर पीड़ा होती है। केन्द्र तक जाने वाला रास्ता भी गंदगी से अटा रहता है। गंदा पानी बह रहा है। केन्द्र के हालात तो और भी बदतर हैं। मैंने सभी जिम्मेदारों को इस समस्या से अवगत करवा दिया है। जल्द ही आंगनबाड़ी केन्द्र की दशा सुधर जाएगी। बुलचंदानी ने बताया कि ऐसी समस्याओं के समाधान को लेकर सभी को साथ आना चाहिए। 

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