व्यापार महासंघ, सांगानेर के पूर्व पदाधिकारियों की मीटिंग से जन्मा नया विवाद, एक पदाधिकारी ने चुनाव पर सहमति होना बताया तो दूसरों ने किया इससे इनकार

 -जस्ट टुडे का व्यापारियों से आह्वान, खुद बनो भाग्य विधाता...एक होकर स्वयं चुनो अपना नेता

 अभी कुछ दिन पहले व्यापार महासंघ, सांगानेर के पूर्व पदाधिकारियों की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग के बाद ही नए विवाद का जन्म हुआ है।

जस्ट टुडे
जयपुर।
सांगानेर बाजार में काफी समय से व्यापारी चुनाव के जरिए और एक ही व्यापार महासंघ बनाने की वकालत कर रहे हैं। व्यापारियों ने दोनों महासंघों को एक होकर चुनाव कराने के लिए करीब तीन वर्षों का लम्बा समय भी दे दिया। इसके बाद भी दोनों व्यापार महासंघ ना तो एक हुए और ना ही अभी तक चुनाव कराए। इसके बाद व्यापारी उत्तमचंद बच्चानी, जयप्रकाश बुलचंदानी सहित सांगानेर बाजार के ज्यादातर व्यापारियों ने सिन्धी धर्मशाला में इस बाबत बैठक भी की। इसमें चुनाव के जरिए नया अध्यक्ष चुनने और व्यापारियों में सहमति बनाने के लिए जयप्रकाश बुलचंदानी को चुनाव संयोजक बनाया गया। बुलचंदानी व्यापारियों से चर्चा करके नए व्यापार महासंघ का प्रारूप और अध्यक्ष सहित पदाधिकारी किस तरह के होने चाहिए, इस पर आम राय बना रहे हैं। 

पूर्व पदाधिकारियों ने चुनाव कराने और राजनीतिक दल को भागीदारी नहीं देने का दिया है भरोसा: उत्तमचंद बच्चानी

इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहे व्यापार महासंघ, सांगानेर के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तमचंद बच्चानी को इसी महासंघ के पूर्व पदाधिकारियों का वार्ता के लिए बुलावा आया। उत्तमचंद बच्चानी ने बताया कि इस मीटिंग में व्यापार महासंघ के पूर्व संरक्षक त्रिलोक चौधरी, पूर्व अध्यक्ष शिवराज सोनी, पूर्व उपाध्यक्ष रामजीलाल सहित एक अन्य पूर्व पदाधिकारी भी मौजूद थे। उत्तम बच्चानी ने बताया कि इस मीटिंग में फिर से व्यापार महासंघ बनाने की चर्चा की गई। बच्चानी ने कहा कि मैंने मीटिंग में साफ तौर से कह दिया कि इस बार अध्यक्ष का चयन चुनाव के जरिए होगा। साथ ही नए व्यापार महासंघ में किसी भी राजनीतिक दल का कोई सक्रिय पदाधिकारी नहीं होगा। बच्चानी ने बताया कि मीटिंग में उपस्थित सभी लोगों ने नए अध्यक्ष का चयन चुनाव के जरिए कराने और किसी भी राजनीतिक दल की एंट्री नए महासंघ में नहीं होने पर सहमति व्यक्त की। बच्चानी ने बताया कि इन सभी ने जल्द ही चुनाव के जरिए नया अध्यक्ष चुनने को कहा है। इसलिए कुछ समय इंतजार किया जाएगा। यदि इसके बाद भी ये लोग चुनाव के जरिए अध्यक्ष नहीं चुनते हैं तो फिर सभी व्यापारी मिलकर चुनाव कराएंगे और जिसे अध्यक्ष चुना जाएगा, व्यापारी भी उसी महासंघ को मान्यता देंगे। 

कार्यकारिणी का फैसला ही होगा सर्वमान्य: शिवराज सोनी

जस्ट टुडे ने इस मीटिंग के बारे में व्यापार महासंघ के पूर्व अध्यक्ष शिवराज सोनी से भी बात की। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि क्या मीटिंग में अध्यक्ष का चयन चुनाव से कराने और राजनीतिक दल के किसी भी पदाधिकारी को महासंघ में नहीं लेने पर आप लोगों ने रजामंदी दी थी? इस पर सोनी ने कहा कि मीटिंग में इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। मीटिंग में तय किया गया कि कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई जाए और जो कार्यकारिणी तय करेगी, वही फैसला सर्वमान्य होगा। जस्ट टुडे ने उनसे पूछा कि कार्यकारिणी यदि यह तय करती है कि अध्यक्ष का चयन चुनाव से ना होकर सर्वसम्मति से किया जाए? या राजनीतिक दल के पदाधिकारी को व्यापार महासंघ में भी पद दिया जाए? तो इस पर सोनी ने कहा कि कार्यकारिणी जो फैसला करेगी, वही सर्वमान्य होगा। 

हमने तो पहले भी ऐसे ही बनाया था महासंघ,
अब भी ऐसे ही बनाएंगे: त्रिलोक चौधरी

इस बारे में जस्ट टुडे ने व्यापार महासंघ के पूर्व संरक्षक त्रिलोक चौधरी से भी मीटिंग में होने वाली बातचीत के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने कहा कि मीटिंग में चुनाव के जरिए अध्यक्ष पद का चुनाव कराने और राजनीतिक दल के किसी भी पदाधिकारी को पद नहीं देने जैसी कोई भी चर्चा नहीं हुई थी। इस दौरान व्यापारियों के साथ मीटिंग करने की जरूर बात हुई थी। लेकिन, अब कोरोना के चलते फिलहाल इस मीटिंग को भी स्थगित कर दिया गया है। जस्ट टुडे ने पूछा कि मीटिंग में चुनाव कराने पर बात हुई थी क्या? इस पर त्रिलोक चौधरी ने कहा कि सांगानेर बाजार में चुनाव कोई जरिया नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी दो साल तक तो कोरोना ही रहेगा, ऐसे में चुनाव कहां से हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने तो पहले भी ऐसे ही अपना महासंघ बनाया था और अब भी ऐसे ही बना लेंगे। व्यापारियों के साथ चर्चा करने की बात मीटिंग में हुई थी। यदि व्यापारी मीटिंग में सर्वसम्मति से नहीं मानते तो अलग बात थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने चला रखा है आदर्श व्यापार महासंघ? ये क्या है, ऐसे तो रोज बनाओ महासंघ? दस आदमी इकट्ठे कर कोई भी संघ बना लो। असली बात यह है कि व्यापारी जिस महासंघ को मानेंगे, वहीं सर्वमान्य होगा। 

इस्तीफा देने के बाद भी  त्रिलोक चौधरी ने किया इनकार, कहा: पेड़ हमने लगाया तो फल भी हम ही खाएंगे


जस्ट टुडे ने त्रिलोक चौधरी से पूछा कि आप सहित ज्यादातर पदाधिकारी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं? इस पर उन्होंने कहा कि किसने दिया इस्तीफा? किस-किस का इस्तीफा हुआ, यदि आपके पास कागज हो तो आप दिखा दो? जस्ट टुडे ने पूछा कि फिर इस्तीफा नहीं हुआ? तो उन्होंने किसी भी इस्तीफे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस व्यापार महासंघ को हमने बड़ा किया है, जिसे पानी हमने दिया है तो फल भी हम भी खाएंगे। किसी और को थोड़े ही खाने देंगे। जस्ट टुडे ने त्रिलोक चौधरी से पूछा कि आप लोगों ने व्यापार महासंघ को रिन्यू क्यों नहीं कराया। इस पर उन्होंने कहा कि हमने कागज लगा रखे हैं, कोरोना के चलते रिन्यू होने में दिक्कत आ रही है। इस पर जस्ट टुडे ने उनसे कहा कि कोरोना तो मार्च 2020 में आया है, आपका व्यापार महासंघ तो वर्ष 2018 में एक्सपायरी हो चुका है। कोरोना से पहले रिन्यू क्यों नहीं कराया? इस पर उन्होंने कहा कि कागज लगा रखे हैं, प्रोसेसिंग चल रही है। 

व्यापार महासंघ, सांगानेर के पदाधिकारी दे चुके हैं इस्तीफा


निकाय चुनाव के दौरान व्यापार महासंघ, सांगानेर को भाजपा की ओर से एक भी टिकट नहीं दिया गया था। जबकि सांगानेर भाजपा मंडल अध्यक्ष इसी व्यापार महासंघ में महामंत्री थे। ऐसे में सभी पदाधिकारियों में आपसी मनमुटाव हो गया। इसके बाद सांगानेर बाजार स्थित गांधी तिराहे पर व्यापार महासंघ, सांगानेर ने भाजपा का विरोध भी किया था। इसके बाद व्यापार महासंघ, सांगानेर के तत्कालीन संरक्षक त्रिलोक चौधरी सहित वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तमचंद बच्चानी, उपाध्यक्ष रामजीलाल शर्मा, उपाध्यक्ष धन्नालाल चतरानी, मीडिया प्रभारी पुरुषोत्तम बच्चानी सहित ज्यादातर पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से यह व्यापार महासंघ बिखर गया और सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया। ऐसे में व्यापारियों के बीच अब इस महासंघ का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। 

एक हो व्यापार महासंघ और चुनाव से हो अध्यक्ष का चयन: सुनील डंगायच

सांगानेर बाजार के युवा व्यापारी सुनील डंगायच से भी जस्ट टुडे ने इस सम्बंध में बात की। पेश हैं उनसे बातचीत के अंश...

सांगानेर बाजार में अध्यक्ष का चयन कैसे हो और व्यापार महासंघ का प्रारूप कैसा होना चाहिए? 

सुनील डंगायच ने कहा कि लोकतंत्र के हिसाब से किसी भी पद का चयन चुनाव के जरिए ही होना चाहिए। ऐसे में सांगानेर बाजार में भी अध्यक्ष पद का चयन चुनाव के जरिए ही होना चाहिए। चुनाव में कोई भी खड़ा हो सकता है, व्यापारी जिसे अपना नेता चुनेंगे, वही अध्यक्ष होना चाहिए। 

किसी भी व्यापार महासंघ का प्रारूप किस प्रकार का होना चाहिए?

किसी भी व्यापार महासंघ में सबसे पहले व्यापारियों के हितों और उनकी समस्याओं का निस्तारण सर्वोपरि ध्येय होना चाहिए। साथ ही किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी पदाधिकारी को महासंघ में जगह नहीं मिलनी चाहिए। 

यदि सांगानेर बाजार में चुनाव के जरिए अध्यक्ष पद का चयन होता है तो क्या आप भी मैदान में उतरेंगे?

सबसे पहले तो सांगानेर बाजार में एक ही व्यापार महासंघ बनना चाहिए। यदि ऐसा हो जाता है और व्यापारी मुझे अपना आशीर्वाद देते हैं तो मैं भी अध्यक्ष पद पर चुनाव लडूंगा। ऐसा होने से ही व्यापार महासंघ और नए अध्यक्ष को सभी व्यापारी मान्यता देंगे। 

कौन हैं सुनील डंगायच

सांगानेर व्यापार महासंघ के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम डंगायच के बेटे और युवा व्यापारी हैं। सांगानेर बाजार के सभी व्यापारियों में इनकी पकड़ हैं। युवा होने और बेदाग छवि होने के चलते सभी इन्हें पसंद भी करते हैं। इनके पिता का कार्यकाल भी बेदाग रहा है। इनके पिता की भी व्यापारियों पर पूरी पकड़ है। 

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