प्रदेश भाजपा बढ़ा रही कुनबा, सांगानेर भाजपा मंडल में तो बिखर गया कुनबा
- भाजपा संगठन की विधानसभा चुनाव से पहले 10 लाख सदस्यों को जोडऩे की है योजना
जस्ट टुडे
जयपुर। एक तरफ तो प्रदेश भाजपा अपना कुनबा बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे विधानसभा चुनावों से पहले धरातल को मजबूत किया जा सके। वहीं सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कुनबा और लोकप्रियता लगातार घट रही है। सांगानेर विधानसभा में सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति सांगानेर भाजपा मंडल की है। यहां पर अपनी उपेक्षा से व्यथित भाजपा के परम्परागत और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने मंडल से दूरी बना ली है। नतीजतन सांगानेर मंडल में ऐसे कार्यकर्ताओं का सूखा हो गया है, जिन्हें विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कार्य करने का अनुभव हो। कार्यकर्ताओं की इस दूरी के चलते सांगानेर मंडल में भाजपा 10 वार्डों में से 8 वार्ड हार चुकी है। ऐसे में सांगानेर मंडल में कुनबा बढ़ाना तो फिलहाल दूर की कौड़ी है, पहले जो कुनबा है, उसी को संभालना ही टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। दरअसल, मौजूदा मंडल अध्यक्ष की कार्यशैली से कार्यकर्ता नाराज हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा मंडल अध्यक्ष को जब तक नहीं बदला जाएगा, तब तक वे भाजपा से दूरी ही बनाकर रखेंगे।
क्या है प्रदेश संगठन की योजना
प्रदेश भाजपा की ओर से राज्य के 52009 पोलिंग बूथों पर 21-21 कार्यकर्ताओं की समिति गठित करेगी और इनके जरिए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 10 लाख सदस्य बनाए जाएंगे। भाजपा छोटी से छोटी इकाई जैसे मंडल एवं बूथ तक अपनी गहरी पैठ जमाएगी। खात बात यह है कि अबकी बार सोशल मीडिया एवं मोबाइल एवं अन्य साधनों के साथ ही कार्यकर्ता डोर-टू-डोर आमजन से मिलकर इनको सदस्य बनएंगे। इनमें वे सदस्य भी होंगे जो पूर्व में किसी ना किसी रूप में भाजपा से जुड़े हुए थे लेकिन लंबे समय से निष्क्रिय हैं। भाजपा का सदस्यता अभियान कार्यकर्ताओं की परफोर्मेंस का आधार बनेगी।
मौजूदा मंडल अध्यक्ष की कार्यशैली से कार्यकर्ताओं में बढ़ रही परस्पर विरोधी भावना: सतीश वासवानी
सांगानेर भाजपा मंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ता और सिंधी समाज के बड़े चेहरे के रूप में ख्यात सतीश वासवानी ने कार्यशैली को लेकर मौजूदा मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा पर बड़ा हमला बोला है। वासवानी का कहना है कि इन्द्रलाल संतलानी जब मंडल अध्यक्ष थे, तब भाजपा एकजुट थी। कार्यकर्ता भी संतुष्ट थे, सभी को सम्मान दिया जाता था और कई लोगों को सदस्य के रूप में भाजपा से जोड़ा गया। ऐसी ही स्थिति तब भी थी, जब मंडल अध्यक्ष श्रीप्रकाश तिवाड़ी थे। इन्हीं लोगों की बदौलत सांगानेर विधानसभा में भाजपा अजेय रही है। लेकिन, जब से सांगानेर भाजपा मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा बने हैं, तब से ही स्थिति विपरीत हो गई है। वरिष्ठ और परम्परागत कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। ऐसे में कार्यकर्ता हताश और निराश है। परिणामस्वरूप वह भाजपा से लगातार दूर होता जा रहा है। निकाय चुनावों में पहली बार सांगानेर में भाजपा को इतनी करारी हार देखनी पड़ी। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में जिन लोगों ने भाजपा की खिलाफत की और भारत वाहिनी पार्टी का प्रचार किया। अब उन्हीं लोगों को भाजपा मंडल की कार्यकारिणी में पद दिए गए हैं। वहीं मूल कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है। मौजूदा मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा की कार्यशैली के चलते कार्यकर्ता असंतुष्ट है। कार्यकर्ताओं में परस्पर विरोधी भावना पैदा हो रही है। सामंजस्य बिगड़ रहा है। अपने ही चेहेतों को पदों की रेवड़ी बांट दी गई है।