किशनपोल में 7 सीट हारने पर बदल दिया मंडल अध्यक्ष तो सांगानेर में 8 सीट हारने के बाद कब बदलेंगे मंडल अध्यक्ष

- सांगानेर भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं ने कहा, मंडल कार्यकारिणी में भारत वाहिनी के जले हुए कारतूसों को कर दिया महामंत्री और मंत्री पद से सुशोभित

जस्ट टुडे
जयपुर। नगर-निगम टिकट वितरण से ही विवादों का केन्द्र बिन्दु बने सांगानेर भाजपा मंडल अब फिर सुर्खियों में है। अभी प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से निकाय चुनावों में कमजोर प्रदर्शन करने वाले किशनपोल विधानसभा के किशनपोल मंडल अध्यक्ष रामकिशन सोनी को हटाया गया है। इनकी जगह मुकेश कुमार मूर्तिकार को नया मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। रामकिशन सोनी को इसलिए हटाया गया, क्योंकि, निकाय चुनावों में 10 वार्डों में से सिर्फ 3 वार्ड ही जिता पाए। यानी जीत का प्रतिशत सिर्फ 30 फीसदी रहा। ऐसे में सांगानेर मंडल का जिक्र होना लाजिमी हो जाता है। यहां पर भी मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा निकाय चुनाव के 10 वार्डों में से सिर्फ 2 वार्ड ही जिता पाए। यानी सफलता का प्रतिशत 20 ही रहा, जो किशनपोल मंडल से भी कम है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि प्रदेश संगठन किशनपोल मंडल अध्यक्ष को बदल सकता है, तो क्या उससे भी फिसड्डी रहने वाले सांगानेर मंडल अध्यक्ष को नहीं बदला जाना. चाहिए। इसी को लेकर जस्ट टुडे ने सांगानेर भाजपा मंडल में कार्यकर्ताओं, पार्टी सदस्यों और भाजपा के परम्परागत मतदाताओं से बात की। सर्वे में पूछा गया कि क्या वर्तमान मंडल अध्यक्ष को बदला जाना चाहिए? नए मंडल अध्यक्ष में कौन-कौन हो सकते हैं दावेदार? इनकी राय में जो सामने आया, वह ज्यों का त्यों जस्ट टुडे के सुधि पाठकों के लिए। 

सबका साथ, सबका विकास और विश्वास पर नहीं उतरे खरे

सर्वे में शामिल भाजपा के परम्परागत कार्यकर्ता, सदस्य और मतदाताओं ने कहा कि वर्तमान मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा अभी तक भाजपा की सोच सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की सोच की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं। इन्होंने कार्यकर्ताओं को जोडऩे के बजाय तोडऩे का ही कार्य किया है। कई कार्यकर्ताओं को दिहाड़ी मजदूर की संज्ञा भी दी। इनका कहना है कि मंडल का मुखिया ही जब ऐसी संकीर्ण विचारधारा रखेगा तो कार्यकर्ता हताश ही होगा। इनका कहना था कि नगर-निगम में टिकट वितरण हो, मंडल कार्यकारिणी गठित हो या फिर वार्ड संयोजकों का मामला हो, हर तरफ भाजपा के परम्परागत और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई। मंडल कार्यकारिणी में तो भारत वाहिनी के चले हुए कारतूसों को महामंत्री और मंत्री जैसे पद दिए गए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसी के चलते सांगानेर मंडल में अभी तक कोई भी धरना, प्रदर्शन या पार्टी का कार्यक्रम सफल नहीं हो पाया है। सभी जगह गिने-चुने कार्यकर्ता ही पहुंचते हैं। वर्तमान स्थिति यह है कि सांगानेर मंडल में जितने बूथ हैं, उतने कार्यकर्ता भी मंडल अध्यक्ष के साथ किसी भी कार्यक्रम में नहीं दिखते हैं। 

नए मंडल अध्यक्ष के ये प्रबल दावेदार

त्रिलोक चौधरी: सांगानेर विधानसभा में जाट समाज के कद्दावर नेता। समाज के वोट बैंक पर पूरी पकड़। वार्ड 96, 97 और 98 में एक-एक मतदाता पर पहुंच। क्षेत्र में समाज-सेवी के रूप में पहचान। इन्होंने सांगानेर व्यापार महासंघ के संरक्षक बनने के बाद बाजार में वाटरकूलर लगवाया। जरूरतमंद बच्चियों के लिए भी शिक्षण सामग्री की व्यवस्था की। कोरोना की पहली लहर में सैकड़ों जरूरतमंदों को राशन और भोजन की व्यवस्था की। यदि पार्टी इन्हें मंडल अध्यक्ष बनाती है तो टिकट वितरण के दौरान इस समाज से हुई नाराजगी भी दूर हो सकती है। सभी कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष के नाम पर अपनी सहमति दी है। 

एडवोकेट टीकम शर्मा: वार्ड 89 से पार्षद प्रत्याशी के प्रबल दावेदार थे। वर्तमान में ब्राह्मण समाज से जुड़े हुए हैं। यदि पार्टी फिर से ब्राह्मण चेहरे की तरफ जाती है तो इनका नाम उपयुक्त है। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। पिछले साल जनहित के कार्यों को लेकर नगर-निगम आयुक्त से भी इनकी तकरार हुई थी, जो मीडिया में सुर्खियां बनी थीं। विधायक अशोक लाहोटी के पसंदीदा है, उनके विश्वसनीय और प्रबल समर्थक हैं। संगठन की पूरी समझ है। सांगानेर मंडल के कार्यकर्ता इनके नाम पर भी राजी हैं। 


संजय शर्मा: अगर प्रदेश भाजपा संगठन ने सांसद रामचरण बोहरा गुट की मानी तो नए मंडल अध्यक्ष की दौड़ में ये भी प्रबल दावेदार हैं। ये पूर्व पार्षद प्रत्याशी भी रह चुके हैं। वार्ड 93 के मतदाताओं पर इनकी पूरी पकड़ है। ब्राह्मण चेहरा होने का भी मिल सकता है फायदा। साथ ही कार्यकर्ताओं ने इनके नाम पर भी रजामंदी दी है।
 

संदीप वर्मा: यदि भाजपा एससी कार्ड खेलती है तो सांगानेर मंडल में सबसे चर्चित चेहरा हैं। करीब 15 वर्ष से भाजपा से जुड़े हुए हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनाव सहित कई चुनावों में अहम भागीदारी निभा चुके हैं। वार्ड 91 के मतदाताओं पर पूरी पकड़। कार्यकर्ताओं में भी स्वच्छ छवि। इन्हें मंंडल अध्यक्ष बनाए जाने पर भी कार्यकर्ताओं को कोई आपत्ति नहीं है। 

दुलीचंद सैनी: नगर-निगम चुनाव में रामकिशन सैनी, दुलीचंद सैनी और सिद्धार्थ तोंदवाल का टिकट काटे जाने के बाद भाजपा के प्रति सैनी समाज में आक्रोश व्याप्त है। यदि पार्टी नए मंडल अध्यक्ष के चुनाव में माली कार्ड खेलती है तो इस आक्रोश को समाप्त किया जा सकता है। कार्यकर्ताओं ने दुलीचंद सैनी के नाम पर भी नए मंडल अध्यक्ष के रूप में मुहर लगा दी है। दुलीचंद की समाज के वोट बैंक पर पूरी पकड़ है। 

कार्यकर्ताओं ने यह कहा


मौजूदा मण्डल अध्यक्ष से सभी कार्यकर्ता नाराज हैं। इन्होंने टिकट वितरण, मंडल कार्यकारिणी और वार्ड संयोजकों में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। वहीं भारत वाहिनी के चले हुए कारतूसों को महामंत्री और मंत्री बना दिया गया है। मौजूदा मंडल अध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी से कार्यकर्ता और मतदाता दूर ही हुए हैं। निकाय चुनाव में 10 वार्डों में से 8 वार्ड हारना, इनकी असल लोकप्रियता को अच्छे से दर्शाता है। नए मंडल अध्यक्ष में त्रिलोक चौधरी, एडवोकेट टीकम शर्मा में से किसी को बनाया जाना चाहिए। - भगवान सिंह जादौन, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता

मौजूदा मंडल अध्यक्ष कार्यकर्ताओं को एकजुट नहीं रख पाए हैं। कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं दिया गया। ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता पार्टी से विमुख हो गया है। सच कहने वालों को वरीयता नहीं दी गई, वहीं चिकनी बातें करने वालों को टिकट वितरण, मंडल कार्यकारिणी और वार्ड संयोजकों में जगह दी गई। वहीं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की हमेशा उपेक्षा की गई। इसी के चलते सांगानेर भाजपा मंडल में पार्टी का कोई भी बड़ा कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से ही नया मंडल अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। इनमें एडवोकेट टीकम शर्मा, त्रिलोक चौधरी, संजय शर्मा, संदीप वर्मा और दुलीचंद सैनी प्रमुख हैं।- अशोक शर्मा, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता


मौजूदा मंडल अध्यक्ष से अधिकांश वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता विमुख हो चुके हैं। ना तो कार्यकर्ताओं को सम्मान मिल रहा और ना ही उनके कोई कार्य हो रहे हैं। विकास की बात करने वालों को चुप रहने को कहा जाता है। जब पार्टी के काम की बात होती है तो परम्परागत कार्यकर्ताओं को बुलाया जाता है, वहीं जब पद देने की बारी आती है तो दूसरे राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं को वरीयता दी जाती है। मौजूदा मंडल अध्यक्ष से कार्यकर्ता पूरी तरह से असंतुष्ट हैं। नए मंडल अध्यक्ष के रूप में त्रिलोक चौधरी, एडवोकेट टीकम शर्मा, संदीप वर्मा, संजय शर्मा सहित कई चेहरे हैं।
 - भगवान सिंह नरूका, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता



 

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