मानसरोवर नगर-निगम बना मौत निगम

 सेक्टर 42 स्थित पार्क में खुले तारों से मासूम की जान के बाद अब 4 गाय भी बनी काल का ग्रास


जस्ट टुडे
जयपुर।
मानसरोवर में सेक्टर 42 स्थित पार्क में खुले तारों से एक मासूम की मौत के बाद भी नगर-निगम की नींद नहीं खुली है। निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शनिवार को चार गो-माता भी खुले तारों से करंट खाकर गौ-लोक को चली गईं। यानी साफ है कि मानसरोवर स्थित नगर-निगम अब मौत निगम बन चुका है। 

यह है पूरा मामला

मानसरोवर स्थित नगर-निगम ऑफिस के बाहर विद्युत पोल को खड़ा करने के लिए सपोर्टिंग तार भी बांधा गया था। वहां पर विद्युत पोल के पास तार खुले हुए थे। बारिश के चलते सपोर्टिंग तार में करंट दौड़ गया। वहां पर गाय खाने की तलाश में पहुंची थी, उसे करंट आया और मौके पर ही मौत हो गई। 

गाड़ी में और भी थीं मृत गाय


इसी दौरान वहां से गुजर रहे युवा एकता मंच के अध्यक्ष जयप्रकाश बुलचंदानी ने पूरा वाकया रिकॉर्ड किया। उन्होंने बताया कि मृत गाय को उठाने के लिए निगम की जो गाड़ी आई थी, उसमें पहले से ही तीन और गाय मृत पड़ी हुईं थीं। जिन्हें कहीं और से उठाया गया था। 

फिर भी नहीं जागे निगम अधिकारी

युवा एकता मंच के अध्यक्ष जयप्रकाश बुलचंदानी ने बताया कि नगर-निगम का मानसरोवर जोन ऑफिस अब मौत निगम बन गया है। मासूम की मौत के बाद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है। यदि अधिकारी पार्कों के खुले तारों को समय रहते ठीक करा देते तो ना तो मासूम की मौत होती और ना ही शनिवार को 4 गायों की। बुलचंदानी ने बताया कि सरकार ने गो-संवद्र्धन के लिए गोपालन विभाग खोल रखा है, लेकिन, निगम में बैठे गैर-जिम्मेदार अफसरों की वजह से गो-माता अकाल काल का ग्रास बन रही हैं। ऐसे अफसरों पर हत्या का मुकदमा होना चाहिए। 


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