नए शिक्षा सत्र से पहले तय हो ऑनलाइन फीस

- संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य में डीएफआरसी गठन को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत को 20 दिन बाद फिर भेजा रिमाइंडर


जस्ट टुडे
जयपुर।
राज्य सरकार प्रदेश में नया शैक्षणिक सत्र सोमवार से शुरू करने जा रही है, नए शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ से पूर्व संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार से ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास की फीस निर्धारित करने की मांग की है। संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि पिछले सत्र में स्कूलों की फीस को लेकर इसी विषय पर विवाद खड़ा हुआ था जो आज भी बरकरार है। 
    प्रदेश एक्जक्यूटिव सदस्य युवराज हसीजा ने कहा कि स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू करने से पूर्व राज्य सरकार को सर्व प्रथम यह निर्धारित करना चाहिए कि नया सत्र ऑनलाइन रहेगा या ऑफलाइन रहेगा। अगर सत्र ऑनलाइन रहता है तो राज्य सरकार को ऑनलाइन क्लास की फीस भी निर्धारित करनी चाहिए। जिससे विवादों का निपटारा किया जा सके। पिछले सत्र में निजी स्कूलों ने अभिभावकों पर ऑफलाइन क्लासों की फीस वसूली का दबाव बनाया, फीस के चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई रोकी, जिसके चलते स्कूलों और अभिभावकों के बीच विवाद खड़े हो गए जो आज भी बरकरार है। विवाद आगे ना बढ़े और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी जारी रहे, ऐस में राज्य सरकार को इस पर तुरन्त सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है। 

डीएफआरसी का गठन हो तो सुलझे फीस विवाद

संघ प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि 3 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फीस एक्ट 2016 को सही मानते हुए उसी के तहत 2019-20 की फीस के अनुसार फीस वसूलने के आदेश दिए थे, आदेशानुसार फीस एक्ट 2016 बोलता है कि अगर फीस को लेकर कोई विवाद अगर आता है तो उसके निपटारे के लिए डीएफआरसी के समक्ष जाना होगा, किन्तु प्रदेश में ना डीएफआरसी का गठन है ना आरएसआरसी का गठन है, ऐसे में अभिभावकों को फीस को लेकर जो समस्याएं आ रही हैं, उसका निपटारा कैसे संभव होगा। किन्तु राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखा रही है ना अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं। 

राज्य में डीएफआरसी गठन की मांग, 20 दिन बाद दोबारा भेजा पत्र

16 मई को डीएफआरसी गठन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया था किंतु मुख्यमंत्री ने 20 दिन बाद भी डीएफआरसी के गठन को गंभीरता से नहीं लिया, शनिवार को 20 दिन बाद दोबारा मुख्यमंत्री को डीएफआरसी गठन की मांग वाला पत्र मुख्यमंत्री की मेल आईडी पर रिमाइंड किया गया, अभी अगर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री डीएफआरसी के गठन को लेकर गंभीरता नही दिखाते हैं तो जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी। फिर भी सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो कोर्ट का सहारा लिया जाएगा।

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