प्रियंका गांधी परीक्षा रद्द कराने को राज्य सरकार को भी लिखे पत्र: अभिभावक संघ

- कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव परीक्षा रद्द कराने को लिख रही है केन्द्र सरकार को पत्र और इधर, राजस्थान सरकार एग्जाम करवाने को लेकर अड़ी है


जस्ट टुडे
जयपुर। कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा
ने सोमवार को सीबीएसई बोर्ड एग्जाम पर पुनर्विचार करते हुए रद्द करने की मांग को लेकर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखा है। इसमें कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रखकर 12 वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है, प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्र में कहा है कि बच्चों के जीवन को खतरे में डालना उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। इस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव से राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10 वीं व 12 वीं परीक्षा रद्द करवाने की मांग की है। 

राज्य में भी ध्यान दें प्रियंका वाड्रा

संघ जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा को पूरे देश और केवल सीबीएसई बोर्ड में पढ़ रहे बच्चों की ही फिक्र है, उनको कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार पर भी ध्यान देना चाहिए, जहां 10वीं और 12वीं के करीब 22 लाख बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने योजना बनाई जा रही है। पूरे देश में तीसरी लहर की आहट देखी जा रही है, जिसकी शुरुआत राजस्थान से होती देखी जा रही है, यहां 7 से 10 दिनों में तीन हजार से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में 9 हजार से अधिक बच्चे जिनकी उम्र एक साल से 18 साल तक है, कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इत्तेफाक से यह राज्य भी कांग्रेस शासित और समर्थित राज्य है। 

नसीहत देने से नहीं चलेगा काम, राज्य भी निभाएं जिम्मेदारी

प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि केवल केन्द्र को नसीहत देने से ही बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे, सभी राज्यों को भी बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाकर बच्चों और अभिभावकों को न्याय देना पड़ेेगा। प्रियंका गांधी को केन्द्र की एकतरफा सोच से बाहर निकलकर कांग्रेस शासित राज्यों को भी पत्र लिखकर परीक्षा रद्द करने का आग्रह करना चाहिए। जिसे लेकर छात्र और अभिभावक संगठन लगातार मांग कर रहे है, लेकिन उनकी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है। 

91 फीसदी विद्यार्थी नहीं चाहते एग्जाम

प्रदेश लीगल सेल सदस्य एडवोकेट खुशबू शर्मा ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सोशल मीडिया पर कराए गए सर्वे के अनुसार कोई भी विद्यार्थी नहीं चाहता कि इस पैनिक समय में एग्जाम हों। सर्वे के मुताबित 91 फीसदी विद्यार्थियों ने साफ कहा है कि सरकार परीक्षाएं रद्द करें। इसके साथ दूसरा सवाल है कि अब तक प्रदेश के शिक्षकों का ही टीकाकरण नहीं हुआ है तो विद्यार्थियों का टीकाकरण फिलहाल दूर की कौड़ी है। ऐसी स्थिति में परीक्षा का आयोजन करना महामारी को न्यौता देने जैसा है। 

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