मयूरा स्कूल ने 8 वीं के छात्र की बंद की ऑनलाइन पढ़ाई, बाल आयोग-डीईओ से गुहार

 - संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा, निजी स्कूलों को नहीं है कानून का डर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ा रहे धज्जियां


जस्ट टुडे
जयपुर।
मानसरोवर स्थित सेंट एंसलम स्कूल के बाद सोमवार को नायला हाउस स्थित मयूरा स्कूल की भी कारस्तानी सामने आई है। अभिभावक की शिकायत पर संयुक्त अभिभावक संघ ने राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग सहित शिक्षा राज्य मंत्री और जिला शिक्षा को शिकायत दर्ज करवा कार्यवाही की मांग की। 

अभिभावकों को मौत के कगार पर ले जा रहे निजी स्कूल

प्रदेश एग्जीक्यूटिव सदस्य युवराज हसीजा ने बताया कि मयूरा स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र की ऑनलाइन कक्षा नए सत्र के पहले दिन से बन्द कर दी गई है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुलेआम अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट सहित हाईकोर्ट तक ने अपने सभी अंतरिम आदेश और अंतिम आदेश तक में कहा है कि कोई भी स्कूल संचालक किसी भी छात्र-छात्राओं को फीस के चलते पढ़ाई से वंचित नही कर सकते हैं। उसके बावजूद बच्चों की पढ़ाई रोकी जा रही है। जबकि स्कूल को पत्र लिखकर और मीटिंग कर अभिभावक अपनी पीड़ा स्कूल संचालकों के साथ साझा कर रहे हैं, लेकिन, स्कूल संचालक अभिभावकों पर आई आपदा में भी अवसर खोज कर उन्हें मौत के कगार पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं।

सरकारी संरक्षण से बेखौफ हैं स्कूल संचालक

मयूरा स्कूल के मामले पर संघ प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि निजी स्कूल संचालक सरकारी संरक्षण प्राप्त कर बेखौफ होते जा रहे हैं, स्कूल प्रबन्धकों में कानून को लेकर बिल्कुल भी डर नही सता रहा है, वह जमकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। राज्य सरकार को सभी स्कूलों को लेकर सख्ती बरतते हुए एक समान आदेश जारी कर कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश शिक्षा विभाग को देने चाहिए। 

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