निगम के पंजे से अब तक दूर...रसूखदारों के अवैध निर्माण
- जस्ट टुडे ने प्रकाशित किया था मुद्दा
- नगर-निगम ग्रेटर ने मानसरोवर में की अवैध निर्माणों पर कार्रवाई, इमारत 6 माह तक सीज
- मानसरोवर में निगम ने रसूखदारों के अवैध निर्माणों पर नहीं की कार्रवाई
जस्ट टुडे
जयपुर। 'अवैध निर्माणों की राजधानी बना मानसरोवर, जिम्मेदार बेपरवाह' नामक शीर्षक ने 6 मई को जस्ट टुडे ने खबर प्रकाशित कर कोरोना काल में हो रहे अवैध निर्माणों का पर्दाफाश किया था। इसमें बताया गया था कि कोरोना के चलते अधिकारी व्यस्त हैं, ऐसे में अवैध निर्माण धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। साथ ही बताया गया था कि अवैध निर्माण निगम अधिकारियों की नाक के नीचे किए जा रहे हैं। जस्ट टुडे में खबर प्रकाशित होने के बाद नगर-निगम ग्रेटर के अधिकारी सक्रिय हुए। उन्होंने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करते हुए कार्य रूकवाकर सीज कर दिया है। जस्ट टुडे को अवैध निर्माणों की शिकायत युवा एकता मंच के अध्यक्ष जयप्रकाश बुलचंदानी ने की थी। बुलचंदानी ने इसकी शिकायत नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल, निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह और ग्रेटर निगम उपायुक्त आभा बेनीवाल को भी लिखित शिकायत की थी।
यहां-यहां की कार्रवाई
ग्रेटर निगम अधिकारियों ने मध्यम मार्ग स्थित 104/7 और 104/08 पर अवैध इमारत का काम रुकवाकर सीज कर दिया। इस इमारत में बेसमेंट, ग्राउण्ड फ्लोर और फस्र्ट फ्लोर पर भवन निर्माण स्वीकृति के विपरीत निर्माण हो रहा था। इस तरह विक्रमादित्य मार्ग पर 119/90 नामक इमारत में ग्राउण्ड और फस्र्ट फ्लोर बिना स्वीकृति के बन रहा था। इन सभी इमारतों को राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के तहत 180 दिन के लिए सीज कर दिया गया।
रसूखदारों पर भी कार्रवाई करे निगम
इस बारे में युवा एकता मंच के अध्यक्ष जयप्रकाश बुलचंदानी ने बताया कि नगर-निगम ने मानसरोवर में जो अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की है, यह सिर्फ खानापूर्ति ही है। कई प्रभावशाली लोगों के अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इनमें 2/152, 69/410 दोनों ही जगह अभी भी अवैध निर्माण जारी है। निगम इन रसूखदारों पर कार्रवाई कर गुड गवर्नेंस का संदेश जनता में दे।
तीन जगह कार्रवाई, इमारत 180 दिन के लिए सीज
इस बारे में जस्ट टुडे ने ग्रेटर निगम के जेईएन कमलकांत से बात की। उन्होंने बताया कि मानसरोवर में मध्यम मार्ग और विक्रमादित्य मार्ग पर तीन अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन्हें 180 दिन के लिए सीज कर दिया गया है।