अभिभावक संघ की शिकायत पर बाल आयोग ने डीईओ से मांगा 7 दिन में जवाब

 - मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल का मामला, प्रशासन ने बच्चे की बंद की ऑनलाइन क्लास, वाट्सएप ग्रुप से भी हटाया 


जस्ट टुडे
जयपुर।
संयुक्त अभिभावक संघ की शिकायत के बाद 'बाल आयोग' हरकत में आ गया है। 'बाल आयोग' ने संघ और अभिभावक की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर 7 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मालूम हो कि मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल के एक अभिभावक ने संयुक्त अभिभावक संघ से मदद मांगी थी। इन अभिभावक का कहना था कि फीस जमा कराने के बाद भी स्कूल ने उनके बच्चे की ऑनलाइन क्लास बंद कर दी है और टीसी भी काट दी है। इसके बाद संयुक्त अभिभावक संघ ने इसकी शिकायत शिक्षा राज्यमंत्री, प्रिंसिपल सैकेट्री, बाल आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी को की थी। संघ की ओर से लिखे गए पत्र में स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई थी। इस शिकायत पर बाल आयोग ने कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। 

फीस लेकर बंद कर दी ऑनलाइन क्लास

संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि अभिभावक की शिकायत थी कि उनका बच्चा वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल में 10 वीं का छात्र है। इसकी पहली तिमाही फीस 20050 रुपए जमा होने के बावजूद स्कूल संचालकों ने 24 मई को ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी, 25 मई को ऑनलाइन क्लास के लिए जब अभिभावक ने स्कूल से सम्पर्क किया तो जवाब देने की बजाय स्कूल द्वारा संचालित सभी व्हाट्सएप ग्रुप से बच्चे को हटा दिया गया और दोपहर 1:32 बजे स्कूल के प्रशासक विकास का कॉल आता है, वह अभिभावक के अनुरोध पर टीसी ले जाने की बात करते हुए, बच्चे की पढ़ाई स्कूल में आगे जारी नहीं रख सकने की बात कहकर फोन काट देता है। इसके बाद से अभिभावक ने स्कूल से मेल के जरिए जानकारी लेनी चाही, किन्तु स्कूल द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। अभिभावक को बच्चे के डिप्रेशन में जाने के डर सहित भविष्य की पढ़ाई को लेकर भी डर सताने लगा। स्कूल द्वारा कृत्य की घटना को लेकर अभिभावक ने संघ के हैल्पलाइन 9772377755 पर सम्पर्क किया और सारा वाकया बताया, जिसके बाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने तत्काल अभिभावक की शिकायत पर शिक्षा राज्यमंत्री, बाल आयोग व जिला शिक्षा अधिकारी को तथ्यों के साथ पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की। 

बदले की भावना से की गई है कार्रवाई: अभय कपूर

अभिभावक अभय कपूर ने बताया कि स्कूल डायरेक्टर ने घमंड के चलते हमारे बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ करने की साजिश रची, वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल में पिछले चार वर्ष से हमारा बच्चा पढ़ता आ रहा है, लेकिन, यह मामला रिजल्ट के दौरान का था, जब मैं स्कूल में बच्चे के रिजल्ट और चेक जमा करवाने गया था, उस दौरान मेरा चेक तो जमा कर लिया गया, लेकिन, रिजल्ट नहीं बताया गया, रिजल्ट रोकने को लेकर मैंने स्कूल प्रशासन और डायरेक्टर से सवाल किए थे, अब स्कूल संचालक उसे विवाद बनाकर हमें डरा रहे हैं, बकायदा उसके लिए माफी मांगने की बात भी बोल रहे हैं, मैंने मना कर दिया तो बच्चे की क्लास बन्द कर दी, ग्रुपों से हटा दिया और अब झूठ बोलकर बिना मांगे टीसी जारी कर रहे हैं। इस घटनाक्रम से हमारा बच्चा बहुत परेशान रहने लगा है ना ठीक से खाना खा रहा है और ना ही किसी से बात कर रहा है। हमें डर लगने लगा है कि कहीं बच्चा बीमार ना हो जाए और स्कूल उसका भविष्य ना खराब कर देंवे। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना

प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि स्कूल संचालकों ने छात्र की ऑनलाइन क्लास बन्द कर पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर दी है, जिसे बाल आयोग ने भी माना है, अभिभावक से चर्चा कर आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा। किन्तु जिस प्रकार वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल ने जो कृत्य किया है उसे इसकी सजा अवश्य मिलनी चाहिए। छात्र के माता-पिता स्कूल की इस घटना से डरे हुए हं,ै वह अब इस स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ाना ही नहीं चाहते हैं। 


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