सांगानेर में हुआ आगाज...बने आदर्श बाजार
- वार्ड 93 पार्षद और युवा एकता मंच ने की पहल...अतिक्रमण मुक्त हो सांगानेर और बने आदर्श बाजार
- नगर-निगम और प्रशासन ने की व्यापारियों के साथ समझाइश मीटिंग...व्यापारियों ने बताईं व्यावहारिक समस्या
जस्ट टुडे
जयपुर। रंगाई-छपाई के लिए विश्वभर में मशहूर सांगानेर की पहचान अब अतिक्रमण और गंदगी के रूप में होने लग गई है। सांगानेर के हृदय स्थल मुख्य बाजार का अतिक्रमण से दम घुट रहा है। दिलचस्प बात यह है कि अतिक्रमण भी यहां के व्यापारियों ने ही कर रखा है। सांगानेर बाजार में व्यापारियों ने दुकान के बाहर करीब 10-12 फीट तक का कब्जा कर रखा है, ऐसे में पार्किंग की जगह नहीं बचती। मजबूरन ग्राहक सड़क पर पार्किंग कर रहे हैं, जिससे सड़क की चौड़ाई कम हो रही है और जाम की समस्या आम हो रही है। जस्ट टुडे ने सांगानेर बाजार को आदर्श बाजार बनाने की मुहिम चलाई थी, जिसका सभी व्यापारियों और व्यापार महासंघों ने समर्थन किया था। अब वार्ड 93 पार्षद और युवा एकता मंच ने सांगानेर को आदर्श बाजार बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए हैं। सांगानेर में आदर्श बाजार बनने की राह में क्या है रोडा? आदर्श बाजार बनाने पर व्यापारियों की क्या है इच्छा? आदर्श बाजार बनने पर सांगानेर को क्या होगा फायदा? सभी पहलुओं पर प्रकाश डालती जस्ट टुडे की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
व्यापारियों की बनी कमेटी...अतिक्रमण हटाने पर बनाएगी आम-सहमति
सांगानेर बाजार को आदर्श बाजार बनाने के लिए अभी हाल ही में सांगानेर बस स्टैण्ड पर यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण के सम्बंध में प्रशासन और व्यापारियों की मीटिंग भी आयोजित की गई थी। इसमें पुलिस उपायुक्त यातायात, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त यातायात, टीआई यातायात, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, पूर्व, सहायक पुलिस उपायुक्त, सांगानेर और मालपुरा थाना इंचार्ज मौजूद थे। इस मीटिंग में व्यापारियों की एक 11 सदस्यीय समझौता कमेटी भी बनाई गई है। यह कमेटी व्यापारियों से समझाइश कर अतिक्रमण हटाने पर आम-सहमति बनाएगी। इसके बाद संभव है व्यापारी स्वयं ही अतिक्रमण हटा लें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर प्रशासन कार्रवाई करेगा ही।
पहले बने पार्किंग...फिर हो मार्किंग
मीटिंग में व्यापारियों ने आदर्श बाजार बनाने की पहल का स्वागत किया, वहीं कुछ व्यावहारिक परेशानियां भी बताईं। व्यापारियों ने कहा कि पहले सांगानेर में पार्किंग की व्यवस्था की जाए, उसके बाद मार्किंग की जाए। कई व्यापारियों ने कहा कि जहां जगह हो, वहां व्यापारियों को दुकान के बाहर 4 फीट की जगह दी जाए, जिससे वह सामान डिस्प्ले कर सके। उसके बाद की जगह को अतिक्रमण मानते हुए हटा दिया जाए। वहीं बाजार में जहां जगह नहीं है, वहां पर चार फीट का फुटपाथ नहीं दिया जाए। कुछ व्यापारियों ने कहा कि सांगानेर बाजार से पहले स्थाई अतिक्रमण को हटाया जाए। उनका तर्क था कि व्यापारी तो दुकान बंद करने के दौरान अपना सामान अंदर रखकर जाता है, लेकिन, स्थाई अतिक्रमण वाले सड़क पर ही दुकान और सामान ताले में बंद करके चले जाते हैं। ऐसे में पहले स्थाई अतिक्रमण हटाएं जाएं, उसके बाद स्वत: ही व्यापारी भी दुकान सीमा में रहेंगे।
अभी यह है सांगानेर बाजार की हालत
सांगानेर मुख्य बाजार में हर जगह दुकानदारों ने दुकान से बाहर 10-12 फीट तक कब्जा कर रखा है। सड़क तक दुकान सजा रखी है, ऐसे में पार्किंग की जगह नहीं बचती है। वाहनों को ग्राहक मजबूरीवश सड़क पर लगा रहे हैं। वाहनों की दो-तीन लाइन बनते ही सड़क 8 फीट की ही बचती है, जिससे सांगानेर में जाम तो लगता ही है। पैदलयात्रियों के लिए भी जगह नहीं बचती है। बस स्टैण्ड से गांधी तिराहा हो, चाहे गांधी तिराहे से खटीकों की ढाल हो, अनाज मंडी रोड से मालपुरा गेट बाजार हो, हर जगह व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। सुनारों की गली, कशीदा गली और पहलवानों की गली के हाल तो और भी नाजुक हैं। सुनारों की गली में अतिक्रमण के चलते सिर्फ 4 फीट की ही गली बची है, जिसमें से एक साथ दो बाइक भी नहीं निकलती है। यहां पर खड़े होकर देखेंगे तो अतिक्रमण खुद ही नजर आ जाता है, दुकानदारों ने सड़क पर पक्का निर्माण कर लिया है। अतिक्रमण के चलते आमने-सामने के दुकानदारों की छतें आपस में मिल रही हैं। यही हाल कशीदा गली और पहलवान गली के हैं, यहां पर दुकानदारों ने दुकान की सीमा ही बढ़ा ली, जिससे सड़क की चौड़ाई घट गई है।
सांगानेर में रोजाना औसतन रहते हैं 10 हजार वाहन
सांगानेर बाजार में औसतन करीब एक हजार दुकानें हैं। प्रत्येक दुकान पर औसतन चार कर्मचारी कार्य करते हैं। सभी के पास वाहन होता है, क्योंकि, सभी कर्मचारी बाहर से आते हैं। ऐसे में 4 हजार कर्मचारियों के वाहन पूरे समय सांगानेर बाजार में रहते हैं। साथ ही इससे दोगुने से ज्यादा करीब 10 हजार ग्राहक सांगानेर में रोजाना आते हैं। हालांकि, ग्राहकों का आवागमन लगा रहता है, ऐसे में एक ही समय में करीब 6 हजार ग्राहकों के वाहन सांगानेर में खड़े रहते हैं। यानी 10 हजार वाहन सांगानेर में एक साथ रोजाना खड़े रहते हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि इन्हें खड़े रहने की पार्किंग मिल जाए तो फिर सारी समस्या ही हल हो जाएगी।
आदर्श बाजार बनने से यह होगा फायदा
सांगानेर बाजार में यदि पार्किंग की समुचित व्यवस्था हो जाए और ग्राहकों को आने-जाने का सुगम मार्ग मिल जाए तो फिर सांगानेर का व्यापार दिन दूना और रात चौगुनी प्रगति करेगा। क्योंकि, सांगानेर बाजार जैसा बड़ा बाजार आस-पास के क्षेत्रों में कहीं नहीं है। यहां पर ग्राहकों को हर चीज मिल जाती है। सांगानेर बाजार में हर ग्राहक की जेब के अनुसार सामान उपलब्ध है। अभी पार्किंग नहीं होने से और बाजार में अतिक्रमण होने से धीरे-धीरे ग्राहक का सांगानेर बाजार से मोहभंग हो रहा है, जिससे ग्राहकी पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
दोनों व्यापार महासंघ और हम...नगर-निगम व प्रशासन के साथ
सांगानेर विश्वभर में मशहूर है, ऐसे में यहां पर आदर्श बाजार बनना चाहिए। सांगानेर बाजार में 'एल शेप' की नाली बने और फुटपाथ खत्म हो जाए। 'एल शेप' की नाली बनने से सड़क की चौड़ाई बढ़ जाएगी, जिससे वाहन चालकों को पार्किंग की समुचित जगह मिल जाएगी। हम नगर-निगम और प्रशासन के साथ हैं, दोनों व्यापार महासंघों का भी इसमें समर्थन है। मीटिंग में व्यापारियों को खुद ही अतिक्रमण हटाने को कहा था, इसके लिए 5-7 दिन का समय दिया गया है। यदि व्यापारी इस अवधि में अतिक्रमण नहीं हटाता है तो फिर नगर-निगम और प्रशासन संयुक्त कार्रवाई करेगा, जिसके जिम्मेदार स्वयं व्यापारी होंगे। नगर-निगम और प्रशासन की ओर से सांगानेर बाजार में निष्पक्ष रूप से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - अजय रावत, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड 93आदर्श बाजार व्यापारियों की इच्छा पर निर्भर...पहले हटे स्थाई अतिक्रमण
सांगानेर आदर्श बाजार बने, सर्वप्रथम यह व्यापारियों की इच्छा पर ही निर्भर है। जिन व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है, यदि वे पहल करते हुए स्वयं अतिक्रमण हटा लें तो फिर सांगानेर में स्वत: ही आदर्श बाजार बन जाएगा। यदि ग्राहक को ही आने और पार्किंग की जगह ही नहीं मिलेगी तो फिर व्यापार आगे कैसे बढ़ेगा। मीटिंग में प्रशासन ने कहा था कि हम इस तरह से कार्रवाई करेंगे, जिससे व्यापारियों का भी नुकसान नहीं हो और अतिक्रमण भी हट जाए। यदि प्रशासन पहले स्थाई अतिक्रमण जैसे थड़ी, ठेलों को हटाकर उनका चालान करता है तो हम उसका समर्थन करेंगे। यदि प्रशासन स्थाई अतिक्रमण को नहीं हटाकर अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई करेगा तो हम उसका विरोध करेंगे। - प्रेमचंद बंसल, भाजपा पार्षद प्रत्याशी वार्ड 93 और व्यापारी, सांगानेर मुख्य बाजारव्यापारियों को दुकान के बाहर 4 फीट के फुटपाथ की जगह दी जाए, जिससे वह अपना सामान डिस्प्ले कर सके। सांगानेर बाजार में जहां जगह नहीं है, जैसे सुनारों की गली, कशीदा गली, पहलवानों की गली में दुकानदारों को फुटपाथ की जगह नहीं दी जाए। 4 फीट से ज्यादा फुटपाथ को अतिक्रमण मानकर हटा दिया जाए। दुकानों के ऊपर लगे टिन-शेड को हटाकर फोल्डिंग वाला तिरपाल लगाया जाए। सांगानेर बाजार में कई जगह टिन-शेड के फेर में दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। यदि व्यापार महासंघों ने पहल की होती तो सांगानेर बाजार कभी का आदर्श बाजार बन गया होता।
- उत्तमचंद बच्चानी, अध्यक्ष सांगानेर पूज्य सिन्धी पंचायत और व्यापारी, गांधी तिराहा
3 फीट से ज्यादा है अतिक्रमण तो प्रशासन तुरन्त करे कार्रवाई
सांगानेर बाजार पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त होकर आदर्श बाजार बनना चाहिए। सभी व्यापारी अपनी दुकान सीमा में ही रहें। व्यापारियों के लिए 3 फीट का फुटपाथ होना चाहिए। उसके आगे 5 फीट की लाइन होनी चाहिए, जिस पर वाहन पार्क किए जा सकें। इसके बाद जिस व्यापारी ने ज्यादा अतिक्रमण कर रखा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।- घनश्याम साहू, व्यापारी, सुनारों की गली
युवा एकता मंच ने उठाया बीड़ा, अतिक्रमण का हटाएंगे कीड़ा
सांगानेर बाजार की हालत बहुत दयनीय है। पार्किंग और ट्रेफिक व्यवस्था ठप है। यहां आने वाला ग्राहक सांगानेर बाजार की बुरी छवि लेकर जाता है। अतिक्रमण ने सांगानेर बाजार का व्यापार खत्म सा कर दिया है। राजनीति और आपसी गुटबाजी के चलते अभी तक व्यापार महासंघ भी इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठा पाए। प्रशासन विकास कार्य करना चाहता है, लेकिन, व्यापारी उनका सहयोग नहीं करते हैं। ऐसे में हमने युवा एकता मंच के जरिए व्यापारियों में एकता बनाने और जागृति लाने का बीड़ा उठाया है। प्रशासन ने स्वत: ही अतिक्रमण हटाने के लिए व्यापारियों को जो समय दिया है, वह नाकाफी है। इसलिए युवा एकता मंच आगे आकर व्यापारियों से वार्ता कर आपसी सहमति बनाने का पूरा प्रयास करेगा। इसके लिए व्यापारियों से मीटिंग करके आदर्श बाजार बनाने में उनका सहयोग लिया जाएगा। व्यापारियों के लिए एक शिकायत पुस्तिका भी रखी जाएगी, उसमें वे अपनी समस्याएं लिख सकते हैं। उन समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा, जिससे प्रशासन उनका निस्तारण करते हुए आदर्श बाजार बनाने की दिशा में सकारात्मक कार्रवाई करे।
- जयप्रकाश बुलचंदानी, अध्यक्ष युवा एकता मंच और व्यापारी, पहलवानों की गली