प्रदेश को मई में चाहिए 365 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और रोज 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन

 जस्ट टुडे की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से एक्सक्लूसिव बात

- केन्द्रीय मंत्रियों से कोरोना महामारी पर प्रदेश की जरूरतों से अवगत कराने के बाद जयपुर लौटे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री


स्ट टुडे
जयपुर।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा दिल्ली दौरे से लौट आए हैं। वे प्रदेश से मंत्री समूह के साथ कोरोना महामारी की राजस्थान में स्थिति और प्रदेश की जरूरतों के बारे में केन्द्रीय मंत्रियों से मीटिंग करने गए थे। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्रियों के साथ सभी अहम मुद्दों पर विस्तारपूर्वक और सकारात्मक माहौल में चर्चा की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, ऊर्र्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और मैंने दिल्ली में सम्बंधित केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी। प्रदेश से गए मंत्री समूह को केन्द्रीय मंत्रियों ने प्रदेश की जरूरत के अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर उचित सहयोग का आश्वासन दिया है। 

10-12 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की प्रतिदिन जरूरत होगी

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में ऑक्सीजन के साथ सबसे अधिक मांग रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री समूह ने केन्द्रीय मंत्रियों से विशेष मांग की है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन राजस्थान के लिए बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश को प्रतिदिन 10 हजार से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ सकती है। इसी के अनुसार केन्द्र की ओर से आवंटन किया जाए। उन्होंने कहा कि आरएमएससीएल की ओर 1 लाख 75 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए बुकिंग की गई है, लेकिन अब तक विभाग को इसकी आपूर्ति नहीं मिली है। 

365 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रियों को प्रदेश की वर्तमान ऑक्सीजन मांग को लेकर भी पूर्ण जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान को 310 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। जबकि प्रदेश को बमुश्किल करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रतिदिन ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है, उसके अनुसार आने वाले दो—तीन दिन में प्रदेश को 365 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी। 

32 टैंकरों की आवश्यकता

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए आने वाले माह में 32 टैंकरों की आवश्यकता होगी। जिनकी क्षमता करीब 400 मीट्रिक मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई की होगी। उन्होंने कहा कि अधिक टैंकरों की जरूरत इसलिए? क्योंकि मेडिकल ऑक्सीजन देश के दूर—दराज के इलाकों से होती है, इसलिए ट्रांसपोर्ट में अधिक समय लगता है। जबकि वर्तमान में प्रदेश में केवल 23 मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकर हैं। जिनसे करीब 258 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। 

रेलवे ट्रांसपोर्ट से भी आपूर्ति की मांग

 चिकित्सा मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा सम्बंधित केन्द्रीय मंत्रियों से मांग की गई कि ऑक्सीजन की जल्द से जल्द सप्लाई के लिए रेलवे ट्रांसपोर्ट की भी उनको अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकतर ऑक्सीजन प्लांट छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों में जहां-जहां से सड़क परिवहन के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई में काफी समय लगता है, इसलिए रेलवे ट्रांसपोर्ट एक बेहतर विकल्प हो सकता है। 

30 हजार रेमडेसिविर कम मिले

डॉ. शर्मा ने कहा कि उनकी ओर से दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों को अवगत कराया गया कि राजस्थान को कोरोना महामारी से लडऩे के लिए इंजेक्शन और ऑक्सीजन का जो कोटा तय किया गया था, वह पूरा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अप्रेल माह में प्रदेश को 67 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने थे, लेकिन अब तक प्रदेश को 

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