सूअर पकड़वाकर वार्ड 94 को पार्षद बना रही सुपर

 - नया वार्ड और नया पार्षद बनने के बाद वार्ड 94 की बदलने लगी है सूरत

- वार्ड पार्षद ने दिखाया...बिना बजट के भी हो सकता है काम

- वार्ड में चल रहा सूअर पकडऩे का अभियान...अभी तक 100 से ज्यादा पकड़वाए


जस्ट टुडे
जयपुर।
टूटी-फूटी गलियां, नालियों में भरी गंदगी, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और उनमें मुंह मारते सूअर। निकाय चुनाव से पहले कुछ ऐसी ही बदहाल स्थिति में था सांगानेर जोन का वार्ड नम्बर 94। वहां जन-सुविधाओं के अभाव में लोग नारकीय जीवन जीने को विवश थे। वार्ड में फैली इन समस्याओं के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन, निकाय चुनाव के बाद नया पार्षद आने के बाद वार्ड 94 की तस्वीर धीरे-धीरे उजली हो रही है। वार्ड पार्षद दीपिका सैनी ने पिछले पांच माह में ऐसे कई कार्य कर दिए, जिनकी बाट जोहते-जोहते वार्डवासियों को कई बरस हो गए। जस्ट टुडे ने इस सम्बंध में वार्ड 94 पार्षद पति अमित सैनी से बात की। उन्होंने वार्ड 94 में किए जा रहे विकास कार्यों को लेकर जस्ट टुडे से खुलकर बात की। 

8 दिन में पकड़वाए करीब 125 सूअर



वार्ड 94 पार्षद पति अमित सैनी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि वार्ड 94 को विकास की राह पर बहुत आगे तक ले जाना है। इसके तहत हमने एक मुहिम छेड़ रखी है कि 'सूअर मुक्त हो हमारा वार्ड।' इसके तहत हम करीब 8 बार नगर-निगम से सूअर पकड़वाने की गाड़ी बुलवा चुके हैं। निगम के कर्मचारियों ने वार्ड में से अभी तक 100-125 सूअर पकड़ लिए हैं। लगातार हम सूअरों को पकड़वाने का अभियान चला रहे हैं।

छोटे बच्चों से छीन लेते हैं खाने की चीज, सूअर बन रहे हादसे का सबब

उन्होंने बताया कि सूअर पूरे वार्ड में इधर-उधर घूमते हैं और गंदगी फैलाते हैं। इसके अलावा सूअरों से लोग हादसे का भी शिकार हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले सूअरों से वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। फिर वार्डवासियों ने हमसे सूअरों को पकड़वाने को कहा। सूअरों के आतंक को हमने गंभीरता से लिया और अभियान चलाकर सूअरों को पकड़वा रहे हैं। जस्ट टुडे ने पार्षद पति अमित सैनी से पूछा कि आपके वार्ड में करीब कितने सूअर होंगे तो उन्होंने कहा कि हमारे वार्ड में करीब 4600 मतदाता हैं और सूअरों की संख्या मतदाताओं से भी ज्यादा है। ऐसे में वार्ड में सूअरों का आतंक कितना भयंकर होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई बार सूअर छोटे बच्चों के हाथ से खाने की चीज भी छीन लेते हैं। इससे छोटे बच्चे भी चोटिल हो चुके हैं। 

इच्छाशक्ति से विकास संभव

वार्ड 94 के पार्षद पति अमित सैनी ने बताया कि ठेकेदार ने हमसे एक माह का समय मांगा था। वह पूरा हो गया है, अब हम फिर से सूअर पकडऩे का अभियान शुरू कर रहे हैं। जब तक वार्ड से पूरे सूअर नहीं पकड़वा लेते तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि वार्ड 94 पहले वार्ड 36 का हिस्सा था। हमसे पहले इस वार्ड में जो भी पार्षद रहे हैं, उन्होंने जनहित के कार्य नहीं किए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पार्षद बजट नहीं होने का बहना बनाते हैं। लेकिन, सूअर पकड़वाने में कोई रुपया खर्च नहीं होता है। यदि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। 

सूअरों से स्वाइन फ्लू महामारी का खतरा

गली-मोहल्लों में खुलेआम विचरण कर रहे सूअर गंभीर बीमारियां फैला रहे हैं। सूअर बाड़ा बनाकर सीमित स्थान पर रखने के बजाय सड़कों पर घूमते झुण्ड से सूअर ज्वर (स्वाइन फ्लू) का संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। इस गंभीर बीमारी के नाम से तो हर कोई परिचित होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की तरह ही स्वाइन फ्लू को भी महामारी घोषित कर रखा है। इस महामारी से पूरे विश्व में कई करोड़ लोग कालकलवित हो चुके हैं। टीका बनने के बाद भी खासकर सर्दियों के मौसम में यह महामारी हमेशा आती है। सूअर पालने वाले लोगों के खिलाफ नगर-निगम प्रशासन को दंडात्मक कार्रवाई भी करनी चाहिए। 

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