सांगानेर में दो ही होंगे व्यापार महासंघ, चुनाव जीतने वाला बनेगा अध्यक्ष...हारने वाला बैठेगा विपक्ष में

 - सांगानेर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष से जस्ट टुडे की खास बातचीत


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जस्ट टुडे
जयपुर। मौसम भले ही सर्दी का हो...लेकिन, सांगानेर बाजार में व्यापारिक संगठनों की 'गर्मी' का ही बोलबाला है। सभी व्यापारियों की इच्छा के मुताबिक दोनों व्यापार महासंघ भी अब एक होने को तैयार हैं। साथ ही चुनाव के जरिए नए अध्यक्ष का चुनाव करने में भी दिलचस्पी ले रहे हैं। बाजार में चुनावों और एक व्यापार महासंघ के गठन को लेकर जस्ट टुडे ने सांगानेर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष शंकर आंकड़ से बात की। इस पर उन्होंने आगामी दिनों में सांगानेर में चुनाव के जरिए अध्यक्ष चुनने की बात कही। उन्होंने कहा कि बाजार में व्यापार मंडल तो दो ही रहेंगे, लेकिन, अध्यक्ष एक ही होगा। हारने वाला व्यापार मंडल आगामी चुनावों तक विपक्ष की भूमिका निभाएगा। उन्होंने जल्द ही सांगानेर बाजार को आदर्श बाजार बनाने का दावा किया। साथ ही विरोधियों को भी आड़े हाथों लिया। 

सांगानेर के सभी व्यापारी चाहते हैं कि एक ही व्यापार महासंघ हो, इससे आप कितने सहमत हैं?

हम सभी चाहते हैं कि सांगानेर बाजार में जो कार्य 17-18 वर्षों में नहीं हुए, दोनों व्यापार महासंघ मिलकर अब उन कार्यों को करें। दो व्यापार महासंघ होने से परेशानी नहीं है। क्योंकि, दोनों ही व्यापारी हितों के लिए कार्य कर रहे हैं। सांगानेर व्यापार महासंघ ने पिछले 4 वर्षों में बाजार में विकास के कई कार्य कराए हैं। 

सांगानेर में दो व्यापार महासंघ हैं। सांगानेर व्यापार महासंघ और व्यापार महासंघ, सांगानेर। इन दोनों को क्रमश: कांग्रेस और भाजपा समर्थित माना जाता है। आपके अनुसार किसी भी व्यापार महासंघ को राजनीतिक दल का समर्थित होना चाहिए या नहीं?

राजनीतिक दल का समर्थित होना किसी भी व्यापार महासंघ के लिए पूरी तरह गलत है। व्यापारिक महासंघों में राजनीतिक पार्टी नहीं चलती है। व्यक्तिगत स्तर पर कोई व्यापारी किसी भी राजनीतिक दल का समर्थित हो सकता है। लेकिन, एक व्यापार संगठन का ऐसा होना गलत है। इसके लिए आगामी दिनों में हम दोनों व्यापार महासंघ मिलकर निष्पक्ष रूप से बाजार के विकास और व्यापारियों के हित की बात करेंगे। 

बाजार में आमचर्चा है कि सांगानेर व्यापार महासंघ और व्यापार महासंघ, सांगानेर के पदाधिकारी मिलकर एक नया महासंघ बना रहे हैं। उसमें आपको संरक्षक और शिवराज सोनी को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है?

ये चर्चाएं निरर्थक हैं, इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। हम दोनों व्यापार महासंघों के पदाधिकारियों ने मिलकर तय किया है कि कार्यकाल पूरा होते ही हम चुनाव कराएंगे। वोटर लिस्ट भी तैयार कराई जाएंगी। ऐसे में चुनाव लडऩे के लिए प्रत्येक व्यापारी स्वतंत्र है। दोनों व्यापार महासंघों के अलग-अलग प्रत्याशी चुनाव में उतरेंगे।

अभी तक व्यापार महासंघों पर आरोप लगते रहे हैं कि बिना चुनाव के ही पदाधिकारी बन जाते हैं? आपके हिसाब से पदाधिकारी चुनने की आगामी रूपरेखा किस प्रकार की होगी?

लोकतंत्र में चुनाव के जरिए किसी का चयन करना संविधान सम्मत होता है। जो व्यक्ति लोकतंत्र के तहत चुनकर आएगा, उसे ही पदाधिकारी बनाया जाएगा। आगामी दिनों में वही व्यक्ति बाजार का अध्यक्ष बनेगा, जिसे व्यापारी वोट से चुनेंगे। 

सांगानेर में अभी दो व्यापार महासंघ हैं? ऐसे में एक व्यापार महासंघ कोई कार्य करवाता है तो दूसरा विरोध करता है? आगामी दिनों में इस पर कैसे लगाम लगाई जाएगी? 

ये सभी गलत सूचनाएं हैं। हम दोनों व्यापार महासंघों ने मिलकर बाजार में वे विकास के कार्य करवाए हैं, जो पिछले 20 वर्षों में नहीं हुए। बाजार में सीसी सड़क, डिवाइडर, बिजली पोल्स सहित कई कार्य करवाए हैं। हम दोनों व्यापार महासंघों की आगामी रूपरेखा के तहत सांगानेर बाजार को आदर्श बाजार घोषित करवाना है। इसके लिए हमने कार्य करना शुरू कर दिया है, जल्द ही इसे मूर्तरूप दिया जाएगा। व्यापारियों से अतिक्रमण हटाने की समझाइश कर रहे हैं। कुछ लोग व्यापारियों में फूट डालकर अपनी राजनीति करना चाहते हैं। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि व्यापारी एक हैं, संगठन एक हैं, इनमें किसी भी प्रकार की कोई फूट नहीं है। 

अभी तक होता यह आया है कि पहले आपसी सहमति से पदाधिकारी बना लिए जाते हैं, उसके बाद संविधान बनाया जाता है। ऐसे में व्यापारिक संगठन को चलाने के लिए जरूरत से ज्यादा पदाधिकारी बना दिए जाते हैं? आपके हिसाब से किसी भी व्यापार महासंघ में पहले चुनाव होने चाहिए या फिर संविधान बनना चाहिए? 

नियमानुसार किसी भी व्यापार महासंघ का पहले संविधान ही बनना चाहिए। सांगानेर व्यापार महासंघ का संविधान बना हुआ है। मैं पांच वर्ष के लिए अध्यक्ष बना हूं। मेरा कार्यकाल दिसम्बर 2021 में पूरा हो रहा है। मैं उससे पहले सांगानेर व्यापार महासंघ का चुनाव करवा दूंगा। संविधान के अनुसार ही चुनाव होने चाहिए। 

आप सांगानेर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष हैं। अभी तक विपक्षी आप पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि आप व्यापारी नहीं हैं। आप ट्रेवल संचालक हैं। आप इसे किस रूप में देखते हैं? 

यह सभी गलत है। कौन कहता है कि मैं व्यापारी नहीं हूं। मेरे पास सांगानेर बाजार में दुकान है। मुझे सभी व्यापारियों ने लोकतंत्र तरीके से चुनकर अध्यक्ष बनाया है। किसी की गलत सोच है तो वह मेरे पास आए, मैं उन्हें व्यापारी होने के पूरे साक्ष्य दिखा दूंगा। ऐसे तो कोई किसी पर भी आरोप लगा सकता है कि वह व्यापारी नहीं है। 

आपके विरोधी आप पर आरोप लगाते रहे हैं कि अध्यक्ष बनने के बाद आपने जो रैली निकाली थी, उसमें मैजिक ड्राइवर ही थे। व्यापारी तो सिर्फ 50-60 ही थे। उनका यह कहना था कि ये तो सिर्फ मैजिक ड्राइवर्स के ही अध्यक्ष हैं, व्यापारियों के नहीं। इस पर आपका क्या कहना है? 

इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसे तो मैं भी किसी पर भी कोई आरोप लगा सकता हूूं। मैं लोकतंत्र तरीके से चुनकर अध्यक्ष बना था। उस समय यदि किसी में हिम्मत थी तो मेरे सामने चुनाव लड़कर दिखाता। मैं तो आज भी तैयार हूं। यदि किसी में हिम्मत है तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाए। यदि व्यापारियों में मेरे खिलाफ आक्रोश होता तो किसी से तो वे मेरी शिकायत करते। लेकिन, आज तक किसी भी व्यापारी ने मेरे खिलाफ आक्रोश प्रकट नहीं किया है। 

सांगानेर में मौटेतौर पर अभी 1000-1500 व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। आपके हिसाब से आगामी चुनाव में कितने व्यापारियों की चुनाव में भागीदारी होनी चाहिए? 

अभी हमने व्यापारिक महासंघों का दायरा बढ़ा दिया है। अब जो चुनाव होंगे, उनमें सांगा सेतु पुलिया से टूटी पुलिया तक, मानसरोवर पुलिया से खटीकों की ढाल तक के व्यापारियों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। हमने सर्वे शुरू कर दिया है, व्यापारियों को जोडऩे का कार्य चल रहा है। इसमें करीब 4000-5000 दुकानें हो जाएंगी।

आप कह रहे हैं कि आगामी दिनों में करीब 5000 दुकानें व्यापारिक महासंघों से जुड़ जाएंगी। आपके हिसाब से चुनाव में कितनी दुकानों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे? जिससे किसी भी व्यापार महासंघ पर मजबूती से ठप्पा लगे। अभी तक यह होता आया है कि बाजार में व्यापारिक प्रतिष्ठान तो करीब 1000-1500 हैं। लेकिन, प्रत्येक  महासंघ से 200 दुकानदारों से ज्यादा नहीं जुड़े होते। ऐसे में एक व्यापार महासंघ के साथ सिर्फ 15-20 फीसदी दुकानदार होने का ही औसत आता है। इस खामी को आगामी दिनों में कैसे दूर करेंगे? 

मेरे से पहले सांगानेर बाजार में जो भी अध्यक्ष रहे, वे बिना चुनाव के ही माला पहनते थे। मैंने लोकतंत्र की परम्परा शुरू की। अब जब हम लोकतंत्र बना रहे हैं, चुनाव करवा रहे हैं। ऐसे में जिसे ज्यादा व्यापारियों का बहुमत मिलेगा, उसे ही अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारी चुना जाएगा। जिसे व्यापारी बहुमत नहीं देगा, वह कैसे अध्यक्ष बनेगा। 

अभी सांगानेर में दो व्यापार महासंघ हैं। आपके अनुसार आगामी दिनों में 5000 दुकानें महासंघों के दायरे में आ जाएंगी। माना जाए कि प्रत्येक व्यापार महासंघ से सिर्फ 500-500 दुकानदार ही जुड़े तो फिर 500 व्यापारियों के समर्थन वाला व्यापार महासंघ 5000 दुकानदारों का प्रतिनिधित्व कैसे करेगा? 

दोनों व्यापार महासंघ मिलकर एक नया व्यापार महासंघ बनाएंगे। लेकिन, व्यापार मण्डल दो रहेंगे। जिस प्रकार चुनावों में भाजपा-कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारती है। ठीक उसी तरह दोनों व्यापार महासंघ चुनावों में अपने-अपने प्रत्याशी उतारेगी। जिस मण्डल का प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर विजयी होगा, वह पूरे बाजार का अध्यक्ष कहलाएगा। वहीं हारने वाला व्यापार मण्डल आगामी चुनावों तक विपक्ष की भूमिका निभाएगा। दोनों व्यापार महासंघ मिलकर एक बन जाएंगे। लेकिन, व्यापारियों के गुट दो रहेंगे, जो सत्ता पक्ष और विपक्ष कहलाएगा। 

यदि व्यापारी आप पर फिर से भरोसा जताकर अध्यक्ष चुने तो आपकी आगामी योजनाएं क्या-क्या होंगी?

सबसे पहले सांगानेर बाजार को आदर्श बाजार बनाएंगे। आदर्श बाजार बनने की राह में जो समस्याएं हैं, उन सभी को पहले सुलझाया जाएगा। आगामी 6 माह के अंदर सांगानेर को आदर्श बाजार बनाने की कोशिश रहेगी। 

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