सड़क से डीपी और हटे पोल तो सांगानेर से अतिक्रमण हो 'गोल'

 जस्ट टुडे अभियान: सांगानेर कैसे बने आदर्श बाजार ? 



जस्ट टुडे
जयपुर।
जयपुर के पहले से बसा होने के बाद भी सांगानेर का बाजार अभी तक आदर्श बाजार नहीं बन पाया है। आदर्श बाजार नहीं बनने के पीछे यहां के व्यापारियों की ही 'कारस्तानी' है। यहां के व्यापारियों ने सड़क पर अतिक्रमण पर अवैध दुकान बना रखी है। इसके चलते ग्राहकों को ना तो पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह मिलती है और ना ही राहगीरों को पैदल चलने के लिए सड़क। इन अतिक्रमी व्यापारियों की वजह से ग्राहकों का बाजार से मोहभंग हो रहा है। इससे व्यापारियों की आमदनी पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है और सांगानेर का बाजार आदर्श बाजार नहीं बन पाया है। जस्ट टुडे ने सांगानेर बाजार के जमीनी हालात देखे। विशेषज्ञों से बात की...आखिर आदर्श बाजार नहीं बनने के कौन-कौन से कारण हैं। अपने पाठकों के लिए अतिक्रमी व्यापारियों की पोल खोलती जस्ट टुडे की ग्राउण्ड रिपोर्ट। 

डीपी और बिजली के पोल की आड़ में किया अतिक्रमण



सांगानेर मुख्य बाजार में बिजली की करीब 40 डीपी और पोल लगे हुए हैं। इनमें बस स्टैण्ड से मुख्य बाजार वाली रोड, टैम्पू स्टैण्ड वाली रोड और अनाज मण्डी से मालपुरा गेट वाली रोड स्थित डीपी और पोल शामिल हैं। ये डीपी और पोल सड़क पर लगे हुए हैं। ये दुकानों से करीब 6-7 फीट तक आगे लगी हुई हैं। इन डीपी की आड़ में अतिक्रमी व्यापारियों ने अपनी दुकान भी अवैध रूप से आगे तक बढ़ा ली। कई अतिक्रमी व्यापारियों ने तो डीपी से 2-3 फीट आगे तक अवैध दुकान बढ़ा रखी है। ऐसे में दुकान के आगे करीब 10 फीट तक का कब्जा दुकानदार ने कर रखा है। इन दुकानदारों को देखकर दूसरे व्यापारियों ने भी अपना सामान आगे तक बढ़ा लिया है। 

दिनभर जाम के हालात

इन अतिक्रमी व्यापारियों की वजह से मुख्य बाजार की जगह-जगह से सड़क की चौड़ाई घट गई है। इसके चलते ग्राहकों को गाड़ी पार्क करने की उचित जगह नहीं मिलती है। ऐसे में मजबूरन ग्राहकों को दुकानों के सामने ही गाड़ी पार्क करनी पड़ती है। ऐसे में सड़क की चौड़ाई और भी कम हो जाती है। इसके चलते सांगानेर में दिनभर जाम के हालात रहते हैं। 



ऐसे हट सकता है अतिक्रमण

सांगानेर में डिवाइडर बना हुआ है। ऐसे में डीपी को डिवाइडर पर रख दिया जाए और सभी पोल डिवाइडर के बीच में लगा दिए जाएं। इससे डीपी और पोल की आड़ में अतिक्रमण करने वाले व्यापारी स्वयं की दुकान को सड़क पर देखेंगे। अन्य लोगों को भी उनकी दुकान सड़क पर अवैध रूप से दिख जाएगी। इसके बाद नगर-निगम और दोनों व्यापार महासंघ ऐसे लोगों से समझाइश कर उनके अतिक्रमण को हटा सकते हैं। साथ ही डीपी और पोल हटने से अतिक्रमी व्यापारी भी डर जाएंगे और वे स्वयं भी अपना अतिक्रमण हटा लेंगे। 

...तो बन जाएगा आदर्श बाजार 

ऐसा होने से सड़क की चौड़ाई बढ़ जाएगी। ग्राहकों को भी गाड़ी पार्क करने की पर्याप्त जगह होगी और जाम भी नहीं लगेगा। डीपी और पोल डिवाइडर पर लगने से अतिक्रमण की समस्या सांगानेर से छू हो जाएगी। ग्राहक भी सांगानेर बाजार आना पसंद करेंगे, इससे व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ेगी और सांगानेर आदर्श बाजार भी बन जाएगा। 

गलत बना है डिवाइडर, अतिक्रमण में भी इनकी ही शह

सांगानेर में जो डिवाइडर बना हुआ है, वह बिलकुल गलत है। सांगानेर बाजार की जो स्थिति है, उसके हिसाब से डिवाइडर की चौड़ाई बहुत ज्यादा है। जब डिवाइडर बन रहा था, तब भी हमने इसका विरोध किया था। डिवाइडर की चौड़ाई 6-8 इंच का ही होना चाहिए था। अतिक्रमण तो डिवाइडर बनाने वालों ने जानबूझकर करवाया है। क्योंकि, जब डिवाइडर बन रहा था तो उस समय यह तय हुआ था कि जो डीपी और पोल लगे हुए हैं, उन्हें डिवाइडर पर ही शिफ्ट किया जाए। डीपी को डिवाइडर पर रख दिया जाए और पोल को बीच में लगा दिया जाए। डिवाइडर में पोल लगाने के लिए पाइप भी उस समय डाले गए थे। लेकिन, इन्होंने ऐसा नहीं किया और डीपी-पोल सड़क पर ही रहने दिए। इससे व्यापारियों को अतिक्रमण का मौका मिल गया। यदि डीपी और पोल डिवाइडर पर शिफ्ट हो जाए तो अतिक्रमण खुद ही हट जाएगा। 
         साथ ही डिवाइडर भी पूरे बाजार में नहीं बना है। कहीं पर बना हुआ है और कहीं पर नहीं बना हुआ है। डिवाइडर बनाने वाले लोगों ने मिलीभगत करके व्यापारियों के चबूतरे बनवा दिए। इसके बाद व्यापारी अपना सामान वहां रखने लग गए। ऐसे में डिवाइडर पूरे बाजार में बने और उन पर डीपी-पोल शिफ्ट हो जाएं तो अतिक्रमण हट जाएगा। साथ ही डिवाइडर बनाने वालों ने पहले पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं की। बाजार में पहले से ही सड़क की चौड़ाई बहुत ज्यादा नहीं थी। उस पर इन्होंने डेढ़ फीट चौड़ा डिवाइडर बनवा दिया। साथ ही दुकानों के आगे 8-10 फीट तक डीपी लगवा दी, इससे व्यापारियों को अतिक्रमण करने का मौका मिल गया। इसके चलते सांगानेर बाजार का धंधा-चौपट हो गया है।
        ग्राहकों को पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती है। ऐसे में वे दूसरे बाजारों का रुख करने लग गए हैं। क्योंकि, उन बाजारों में सड़कें चौड़ी हैं और पार्किंग की पर्याप्त जगह है। वर्तमान पदाधिकारियों ने कभी भी ना तो व्यापारियों के हित की बात की और ना ही सांगानेर बाजार की। इन लोगों ने तो सिर्फ अपना नाम ऊंचा करने पर ही ध्यान दिया है। इन्होंने ना तो व्यापारियों की आमदनी बढ़ाने की कोई योजना बनाई और ना ही अतिक्रमण हटाने की। अतिक्रमण तो जानबूझकर करवाया गया है। पहले इन लोगों को पार्किंग के लिए जगह चिह्नित करनी चाहिए थी और फिर डिवाइडर बनना चाहिए था।                    - राधेश्याम डंगायच, पूर्व अध्यक्ष, सांगानेर व्यापार महासंघ

व्यापारियों से आग्रह...डीपी की आड़ में ना करें अतिक्रमण

सांगानेर बाजार में विभिन्न जगहों पर करीब 40 डीपी और पोल लगे हुए हैं। इन डीपी और पोल की आड़ में सांगानेर बाजार में कई जगह व्यापारियों ने अतिक्रमण कर रखा है। इन व्यापारियों ने डीपी तक करीब 10 फीट तक दुकान को अवैध तरीके से बढ़ा रखा है। हमने कई बार समझाइश की, लेकिन, व्यापारी मानते नहीं है। यदि बिजली विभाग इन डीपी और पोल को डिवाइडर पर शिफ्ट कर दे तो अतिक्रमण स्वयं ही हट जाएगा। हम इस सन्दर्भ में कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से बात कर चुके हैं, लेकिन, फिलहाल कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। डीपी और पोल की आड़ में अतिक्रमण करने वाले सभी व्यापारियों से मेरा आग्रह है कि सभी दुकान सीमा में ही रहें, इससे आपका व्यापार बढ़ेगा ही, घटेगा नहीं। दुकान सीमा में रहने से अतिक्रमण हट जाएगा और ग्राहकों को सुविधा मिलेगी। ग्राहकों को सुविधा मिलते ही सांगानेर स्वत: ही आदर्श बाजार बन जाएगा।     - शिवराज सोनी, अध्यक्ष, व्यापार महासंघ, सांगानेर


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