उदयपुर से राम मंदिर के लिए पहली चांदी की ईंट अर्पित
- कोरोना के चलते भक्त भले ही अयोध्या नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन अपनी भावनाएं अलग-अलग रूपों में प्रभु चरणों में रहे पहुंचा
जस्ट टुडे
उदयपुर। अयोध्या में जन्मभूमि पर श्री रामलला के बन रहे भव्य मंदिर के लिए भले ही कोरोना के चलते भक्त नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन भक्त अपनी भावनाएं अलग-अलग रूप में प्रभु की सेवा में पहुंचा रहे हैं। प्रभु श्रीराम के काज की इन्हीं भावनाओं से ओतप्रोत उदयपुर से बुधवार को पहली चांदी की ईंट ‘राम काज’ में समर्पित की गई। सुभाष नगर निवासी मूंदड़ा परिवार की ओर से यह शिला विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों को सौंपी गई। विश्व हिन्दू परिषद की ओर से शिला सहित और भी प्राप्त हो रही सेवा समर्पण सामग्री अयोध्या मंदिर न्यास को सौंपी जाएगी।
पूरे शहर की भावनाएं समाहित
विश्व हिन्दू परिषद के उदयपुर महानगर मंत्री अशोक कुमार प्रजापत ने बताया कि सुभाष नगर निवासी रामकन्या, रामजस मूंदड़ा की ओर से एक किलो की चांदी की शिला (ईंट) विधिवत पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अर्पित की गई। यह ईंट विश्व हिन्दू परिषद चित्तौड़ प्रांत के संगठन मंत्री धनराज ने ग्रहण की। परिवार की अलका मूंदड़ा ने कहा कि कोरोना महामारी न होती तो पूरा परिवार अयोध्या पहुंचकर रामजी की सेवा में यह समर्पण प्रस्तुत करता, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रामजी के काज में सेवा अर्पण को इस माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इस समर्पण में सिर्फ परिवार की ही नहीं, पूरे शहर की भावनाएं समाहित हैं। इस मौके पर सुशील मूंदड़ा, राकेश मूंदड़ा, संगीता मूंदड़ा सहित भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, नगर निगम गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक सिंघवी आदि मौजूद थे।
1990 की कार सेवा में थे शामिल
इस मौके पर गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि वे और दिनेश गुप्ता 1990 की कार सेवा में उदयपुर से जाने वाले पहले जत्थे में शामिल थे। इस जत्थे का नेतृत्व पूर्व विधायक जोधसिंह ‘दायजी’ और शिवकिशोर सनाढ्य ने किया था। तब सनाढ्य उदयपुर शहर के विधायक थे। पहले जत्थे में 123 कारसेवक शामिल थे। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट उस समय उत्तरप्रदेश में राजस्थान से आने वाले कारसेवकों के जत्थों की विभिन्न व्यवस्थाओं को देखने की जिम्मेदारी संभाले हुए थे, उन्हें उस वक्त पहचान छिपाकर वहां कार्य करने के निर्देश थे।
राम काज में भक्तों का सेवाभाव सर्वोपरि
विहिप के पदाधिकारियों ने कहा कि रामजी के काज में भक्तों का सेवाभाव सर्वोपरि है। हालांकि, आग्रह यह किया जा रहा है कि जो भी भक्त सेवा समर्पण करना चाहते हैं, वे मंदिर न्यास के खाते में समर्पण करें। फिर भी भक्तों के आग्रह पर यह चांदी की शिला विहिप द्वारा ग्रहण की गई है। इस शिला सहित बुधवार को ही जिले के मेनार ग्रामवासियों की तरफ से चांदी के कलश में जल, चांदी का बिस्किट, गांव के मंदिर की मिट्टी विधिवत पूजा-अर्चना के बाद अयोध्या भेजने के लिए विश्व हिन्दू परिषद कार्यालय पर ‘रामजी के काज’ के लिए समर्पित की गई। इस दौरान प्रकाश जैन, शंकर लाल मेनारिया, उमेश मेनारिया, राधेश्याम मेनारिया, दर्शन मेनारिया आदि मौजूद थे।