सांगानेर पंचायत पर कब्जा या पनाह ?

जस्ट टुडे...एक्सक्लूसिव
 
- सांगानेर मुख्य बाजार स्थित पंचायत समिति के दोनों कार्यालयों पर अतिक्रमी काबिज, पहचान हो रही धूमिल


यक्ष प्रश्न: कब्जा है तो जिम्मेदार हटवा क्यों नहीं रहे और पनाह है तो फिर जिम्मेदार कौन? 



सांगानेर पंचायत समिति के पुराने भवन के दोनों ओर अतिक्रमण कर बैठे फल-सब्जी विक्रेता। 


जस्ट टुडे
जयपुर। सांगानेर मुख्य बाजार स्थित पंचायत समिति कार्यालय अतिक्रमण से पस्त हैं, वहीं जिम्मेदार अधिकारी मस्त हैं। अतिक्रमियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने मुख्य दरवाजे तक कब्जा कर लिया है। आश्चर्यजनक बात यह है कि पंचायत समिति के सरताज विकास अधिकारी मुरारीलाल शर्मा का चैम्बर भी इसके पास ही है। अधिकारी रोजाना मुख्य दरवाजे से आवागमन करते हैं, फिर भी उनको यह कब्जा नहीं दिख रहा है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अतिक्रमियों को या तो अधिकारियों की शह है या फिर उन्हें उनका डर नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पंचायत समिति के जिम्मेदार अधिकारी ही कब्जे को बढ़ावा देंगे तो फिर आम लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। 


कार्यालय कम और ज्यादा लगती है सब्जी मण्डी


सांगानेर स्थित पंचायत समिति कार्यालय की मैन गेट वाली चारदीवारी के दोनों ओर अतिक्रमियों ने कब्जा कर रखा है। ऐसे में पंचायत समिति में बाहर से कार्य कराने आने वाले लोगों को इमारत ही नहीं दिखती है। कई लोगों ने बताया कि इमारत के आगे से तीन-चार बार निकल गया, लेकिन, वह दिखी नहीं। बाद में कई लोगों से पूछताछ के बाद कार्यालय पहुंच सका। जानकार लोगों का कहना है कि अतिक्रमियों ने इतना कब्जा कर रखा है कि यह पंचायत समिति कार्यालय कम और सब्जी मण्डी ज्यादा लगता है। 


कोरोना फैलने की बढ़ी आशंका


कार्यालय के बाहर दोनों ओर फल-सब्जी की दुकानें सजने के चलते वहां पर दिनभर लोगों का जमावड़ा रहता है। साथ ही फल-सब्जी की गंदगी भी कार्यालय के आस-पास फेंकी जा रही है। इससे स्वच्छता अभियान की तो धज्जियां उड़ ही रही हैं, वहीं कोरोना फैलने की आशंका भी ज्यादा बढ़ रही है। चिंताजनक पहलू यह है कि पंचायत समिति के पास वाले दो फल-सब्जी विक्रेता पहले कोरोना पॉजिटिव भी आ चुके हैं। साथ ही सांगानेर सहित जयपुर में सैकड़ों फल-सब्जी विक्रेता कोरोना के सुपर स्प्रेडर बन चुके हैं। ऐसे में पंचायत कार्यालय आने वाले लोगों में जाने-अनजाने इन सुपर स्प्रेडर्स से कोरोना महामारी फैलने की संभावना बनती है। 


नई इमारत पर भी सजा कब्जा



सांगानेर पंचायत समिति के नए भवन के सामने अतिक्रमण ऐसे किया हुआ है कि दरवाजा ही बंद हो गया है।

सांगानेर बाजार स्थित पंचायत कार्यालय की पुरानी इमारत के सामने ही पंचायत की नई इमारत भी बनी है। उसके सामने भी अतिक्रमियों ने दुकानें सजाकर कब्जा कर लिया है।


नए भवन के मुख्य दरवाजे पर जमा गंदगी। इसे दरवाजे को बंद कर दिया गया है।

अतिक्रमियों ने इस नई इमारत के मुख्य दरवाजे तक कब्जा कर लिया है। साथ ही वहां पर गंदगी भी कर रखी है। स्थानीय दुकानदारों ने मुख्य दरवाजे के सामने कबाड़ और गंदगी डाल रखी है। अधिकारियों का भी कारनामा देखिए, कब्जा और गंदगी हटाने के बजाय नए पंचायत कार्यालय का मुख्य दरवाजा ही बंद कर दिया है। वहीं साइड वाले दरवाजे से आवागमन कर रखा है। अतिक्रमियों ने इस दूसरे दरवाजे तक कब्जा कर रखा है। 


नई इमारत में गंदगी का राज



नए भवन के मुख्य दरवाजे के अंदर जमा है कबाड़ और गंदगी। दूसरी फोटो में दुकानदारों का तिरपाल इमारत के अंदर की शोभा बढ़ा रहा है।

इस नई इमारत में अंदर प्रवेश करते ही गंदगी आपका स्वागत करती है। दुकानदारों के तिरपाल कार्यालय के अंदर तक सजे हुए हैं। दुकानों के टीन शेड भी कार्यालय की दीवार पर रखे हुए हैं। कार्यालय के कोने- कोने में कबाड़ और कचरे का राज है। इसे देखने से ऐसा लगता है कि यह पंचायत कार्यालय ना होकर कोई डम्पिंग जोन है। 


कई बार किया आग्रह, हालात जस के तस


सांगानेर मुख्य बाजार में दिनभर ग्राहकों की भीड़ रहती है। ऐसे में पंचायत समिति के बाहर फल-सब्जी खरीदने वालों का भी जमावड़ा रहता है। ये लोग वहीं पर अपना वाहन भी खड़ा कर देते हैं। चूंकि, सांगानेर बाजार में भीड़ रहती है और सड़क पर वाहन होने से पैदल यात्रियों को निकलने में भी मुश्किल हो जाती है। पुलिस की ओर से सांगानेर में कई बार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल चुका है। लेकिन, अभियान पंचायत कार्यालय आकर ही दम तोड़ देता है। क्योंकि, पंचायत समिति के अधिकारी अतिक्रमियों को हटाते नहीं है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि हम कई बार विकास अधिकारी मुरारी लाल शर्मा से पंचायत समिति कार्यालय के बाहर अतिक्रमण हटवाने का आग्रहर कर चुके हैं, लेकिन, अतिक्रमण जस का तस है।  


दीवारों पर स्लोगन और योजनाओं की हो जानकारी


जानकार लोगों का कहना है कि पंचायत समिति के जिम्मेदार अधिकारी इन अतिक्रमियों को हटवाएं। यहां पर साफ-सफाई करवाएं और कार्यालय की इमारत पर सरकारी योजनाओं की जानकारी और जागरूक करने वाले स्लोगन लिखवाएं जाएं। इससे पंचायत कार्यालय अतिक्रमण मुक्त होगा, वहीं बाहर से आने वाले व्यक्ति को भी कार्यालय आसानी से दिख सकेगा। साथ ही सरकारी योजनाओं के बारे में भी लोग आसानी से जान सकेंगे। 

दो बार किया फोन, नहीं किया रिसीव


इस सम्बंध में जानकारी के लिए जस्ट टुडे ने विकास अधिकारी मुरारीलाल शर्मा को उनके मोबाइल ******5884 पर दो बार फोन किया। लेकिन, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।  


 


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