पायलट ने ठोकी ताल, जादूगर की बिगड़ी चाल
- 21 विधायकों के साथ पायलट मानेसर के होटल में ठहरे, 35 विधायक संग होने का दावा...विधायक दल की बैठक में पहुंचे 97 विधायक, गहलोत सरकार पर खतरा
- प्रियंका गांधी आईं आगे, पायलट और गहलोत से की बात...सुलह की कोशिश
पायलट के पास 4 रास्ते
1. कांग्रेस में ही रहे
2. इंतजार करेंगे
3. तीसरा मोर्चा बनाए
4. भाजपा का थामन थामेंगे
जस्ट टुडे
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच 'महत्वाकांक्षा' की लड़ाई अब चरम पर है। ऐसे में जयपुर अब राजनीति का केन्द्र बना हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान की रार मिटाने को अपने बड़े नेताओं रणदीप सुरेजवाला, अजय माकन और राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डे को जयपुर भेजा है। गहलोत गुट का दावा है कि उनके पास पूरा बहुमत है, वहीं पायलट गुट का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। ऐसे में किस दावे में कितना दम है, इस पर अभी संशय बना हुआ है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि वाकई में फिलहाल गहलोत सरकार अल्पमत में है। क्योंकि, सीएमआर में सोमवार सुबह 10:30 बजे विधायक दल की बैठक प्रस्तावित थी। लेकिन, विधायकों के नहीं पहुंचने पर यह लगातार खिसकती रही। इस दौरान रणदीप सुरेजवाला ने भी प्रेस वार्ता कर सचिन पायलट और उनके विधायकों को घर वापसी की अपील की गई। सूत्रों का कहना है कि यदि गहलोत के पास पूरा बहुमत था तो फिर विधायक दल की बैठक समय पर क्यों नहीं शुरू हुई। वहीं पायलट से घर वापसी की अपील क्यों की गई? जस्ट टुडे ने जानी पूरी हकीकत...
पायलट ने नकारा गहलोत का दावा
सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ मानेसर की होटल में हैं। उनके साथ करीब 21 विधायक हैं। इनमें 18 कांग्रेसी और तीन निर्दलीय विधायक हैं। इधर, जयपुर में विधायक दल की बैठक करीब 1:30 बजे शुरू हुई। पहले इसमें मीडिया को अंदर आने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, कुछ देर बाद मीडिया को अंदर आने दिया गया। गहलोत खेेमे की ओर से कहा गया कि बैठक में करीब 102 विधायक हैं। हालांकि, बैठक में करीब 97 विधायक आए थे। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दिल्ली से आए नेताओं के चेहरों पर मुस्कान थी। वहीं पायलट खेमे ने दावा किया है कि गहलोत के पास 102 विधायक नहीं हैं। करीब 25 विधायक उनके साथ बैठे हैं।
गहलोत की बैठक में पायलट के विधायक
सूत्रों का यह भी कहना है कि विधायक दल की बैठक में भी पायलट खेमे के विधायक मौजूद हैं। वे जान-बूझकर इसमें शामिल होने आए हैं, वे अशोक गहलोत का संदेश पायलट को भेजेंगे। सूत्रों के मुताबिक ये विधायक भी जल्द ही पायलट के पास वापस जा सकते हैं। ऐसे में भले ही गहलोत सरकार यह नहीं स्वीकारें कि उनके पास बहुमत नहीं है, लेकिन, पायलट ने इस बार उनकी जादूगरी की अग्निपरीक्षा ले ही ली है। सूत्रों के मुताबिक पायलट के साथ 30-35 विधायक हैं।
गहलोत-पायलट की सुलह को आगे आईं प्रियंका गांधी
जयपुर में सीएम अशोक गहलोत के आवास पर विधायकों का शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। सीएम आवास पर 97 विधाकय मौजूद हैं। इनमें 86 कांग्रेस, 8 निर्दलीय, 1 आरएलडी और 2 बीटीपी के विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के 18 और तीन निर्दलीय विधायक बैठक में शामिल नहीं है। वे पायलट के साथ हैं। उधर, प्रियंका गांधी इस मामले में सुलह को आगे आईं हैं। प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से फोन पर बात की और फिर उसके बाद गहलोत से बात की। ऐसे में यह माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद सचिन पायलट मान जाएंगे। हालांकि, इस पर संशय है कि सचिन पायलट किन शर्तों पर तैयार होते हैं।
अब गहलोत खेमा भी बना पायलट की राह में रोडा
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पायलट ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में पायलट के पास अभी चार रास्ते हैं। इनमें पहला पायलट कांग्रेस में ही रहेंगे। दूसरा पायलट इंतजार करेंगे। तीसरा पायलट थर्ड फ्रंट बनाएंगे। चौथा पायलट भाजपा में जाएंगे। विश्लेषकों का कहना है कि पायलट तीसरा मोर्चा नहीं बनाएंगे। वे अभी इंतजार कर रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान उनकी बात को कहां तक मानता है। यदि उन्हें लगेगा कि प्रदेश कांग्रेस में उनकी स्थिति और मजबूत की जाएगी तो वे कांग्रेस में लौट आएंगे। लेकिन, गहलोत खेमे के कड़े तेवरों का देखकर ऐसा नहीं लगता कि पायलट को और मजबूत किया जाएगा। ऐसे में पायलट भाजपा में भी जा सकते हैं।
पायलट चाहते हैं सीएम की कुर्सी
सूत्रों का कहना है कि भाजपा से उनकी वार्ता अंदरखाने चल रही है। लेकिन, पायलट मुख्यमंत्री पद से कम कीमत में तैयार नहीं हैं। वहीं भाजपा चाहती है कि मुख्यमंत्री उनका हो। हालांकि, भाजपा आलाकमान इस पर विचार कर रहा है कि वह पायलट को सीएम की कुर्सी सौंपे या नहीं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक भाजपा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को राजस्थान का सीएम बनाना चाहती है, लेकिन, पायलट को यह ऑफर स्वीकार नहीं है। ऐसे में संभव है कि भाजपा पायलट को सीएम की कुर्सी दे दे। इसी पर मंथन चल रहा है। उधर, दिल्ली से आए नेताओं ने आलाकमान को बता दिया है कि राजस्थान में सरकार पर संकट है। तभी तो आलाकमान के निर्देश पर रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया के जरिए पायलट और उनके विधायकों से वापस आने की अपील की है।