सांगानेर की 'प्यास' बड़ी महंगी...जलदाय विभाग के हर माह 6 लाख खर्च

- 12,00000 रुपए पिछली गर्मियों में हर माह हुए थे खर्च, कोरोना की वजह से कम खर्च हो रहा पानी



विज्ञापन

जस्ट टुडे
जयपुर। तेज गर्मी के चलते सांगानेर में कई क्षेत्रों में पेयजल किल्लत बढ़ गई है। सांगानेर के इन क्षेत्रों में ज्यादातर में पेयजल लाइन नहीं है, तो कहीं पर नलों में पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में सरकारी पेयजल टैंकर्स की डिमांड बढ़ गई है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए जलदाय विभाग ने इन जगहों पर पेयजल टैंकर्स की सप्लाई शुरू कर दी है। इन टैंकर्स पर जलदाय विभाग के हर माह लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं, जबकि विभाग को इसका कोई रेवेन्यू भी नहीं मिलता है।

रोजाना बीस हजार रुपए हो रहे खर्च


प्रतीकात्मक फोटो

सांगानेर जलदाय विभाग के एईएन रूपचंद जांगिड़ ने बताया कि सांगानेर क्षेत्र में रोजाना 100 पेयजल टैंकर्स की आपूर्ति की जा रही है। ये टैंकर्स मदरामपुरा, सायपुरा मोड सहित उन क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं, जहां पर पेयजल लाइन नहीं है। गर्मियों में आमजन के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। एईएन ने बताया कि इन टैंकर्स पर रोजाना विभाग के करीब 20,000 रुपए खर्च हो रहे हैं। इस हिसाब से जलदाय विभाग हर माह पेयजल टैंकर्स पर करीब 6 लाख रुपए खर्च कर रहा है। संभव है कि आने वाले दिनों में टैंकर्स की यह संख्या और भी बढ़ जाए। 

पिछली बार की तुलना में घटी प्यास

हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इस बार सांगानेर में पेयजल टैंकर्स की आपूर्ति पिछली बार की तुलना में घट गई है। क्योंकि, कोरोना महामारी के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसे में अन्य खर्च सहित पेयजल खर्च भी घट गया है। आंकड़ों के मुताबिक पिछली बार गर्मियों में सांगानेर क्षेत्र में रोजाना 200-225 पेयजल टैंकर्स की आपूर्ति की जाती थी, जो इस बार घटकर सिर्फ 100 टैंकर ही रह गई है। पिछली गर्मियों की बात करें तो पेयजल टैंकर्स पर विभाग के करीब 12,00000 रुपए हर माह खर्च हुए थे।


Popular posts from this blog

सांगानेर में उचित मूल्य की दुकानों पर व्यवस्था नहीं उचित

विविधता में एकता... भारत की विशेषता - बेरवाल

सांगानेर से फिर एक बार पुष्पेन्द्र भारद्वाज