सांगानेर के नाम सांगा सर्किल का संदेश

सांगा सर्किल ने जस्ट टुडे से शेयर की अपनी भावनाएं...लोगों की जानी कुशलता 


जस्ट टुडे
जयपुर। कोरोना के बढ़ते कदमों के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 17 मई कर दी है। इस लॉकडाउन में सरकार ने आर्थिक गतिविधियों सहित कई छूट दी हैं। सूर्य देव के रुद्र रूप को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक सामान और रिपेयरिंग की दुकानों को भी लॉकडाउन में छूट दी गई है। हालांकि, सरकार की ओर से दी गई हिदायतों का पहले की ही तरह सख्ती से पालन करना होगा। लॉकडाउन की अवधि बढऩे के बाद जस्ट टुडे ने सांगानेर की नब्ज टटोली। जस्ट टुडे ने सांगानेर मुख्य बाजार सहित कई मार्गों का जायजा लिया। जस्ट टुडे ने इस दौरान सांगा सर्किल के आस-पास का मुआयना किया। जहां आम दिनों में चहल-पहल रहती थी, वहीं लॉकडाउन के चलते वहां शान्ति छाई हुई थी। इसी दौरान सन्नाटे को चीरकर जस्ट टुडे को एक आवाज सुनाई दी। गौर से सुनने पर आभास हुआ कि यह आवाज सांगा सर्किल से आ रही है। कौतुहलवश जस्ट टुडे पास गया तो सांगा सर्किल ने उसे अपनी भावनाओं का रसास्वादन कराया। सर्किल ने जस्ट टुडे को अपने मन के उद्गार व्यक्त किए और सांगानेरवासियों तक पहुंचाने को कहा। सर्किल की भावना के अनुरूप जस्ट टुडे पूरे वार्तालाप को शब्दों में ढालकर सांगानेर क्षेत्र के लोगों तक पहुंचा रहा है।

रोम-रोम होता था प्रसन्नचित्त


सांगा सर्किल ने जस्ट टुडे से कहा कि लॉकडाउन में मेरा मन अपने लोगों के बगैर नहीं लग रहा है। पहले सांगानेर आने वाला शख्स मेरे पास से होकर अवश्य गुजरता था। स्टैण्ड पर बसों का इंतजार करते यात्री हों या फिर ग्राहकों का इंतजार करते दुकानदार, सभी को खुश देखकर मेरा भी रोम-रोम प्रसन्नचित्त रहता था। सुबह-शाम दाना चुगने आने वाले पक्षियों की चहचाहट मुझे मधुर संगीत सुनाती थी, जिससे मेरे बोझिल मन में भी अनोखी उमंग का संचार होता था। त्योहारों और शादी-विवाहों के समय तो मेरे चारों ओर होने वाली रौनक देखने लायक थी। कोई भी बारात, धार्मिक जुलूस बिना मेरी परिक्रमा किए सांगानेर पार नहीं कर पाते थे। राजनीतिक सभाएं भी मेरी छत्र-छाया में भी होती थी। इन सभी की खुशी मुझे फिर से जीवंतता प्रदान कर देती थी।

मैं तो बस परिजनों की कुशलता चाहता हूं

मैंने अपने इस जीवनकाल में कई बच्चों को बड़े और फिर बुजुर्ग होते देखा है। उनके साथ मेरा लगाव परिजनों की तरह हो गया है। वे भी मुझे घर के बुजुर्ग की तरह सम्मान देते आए हैं। इस दौरान समय के बदलाव के साथ मैं भी कई बार बीमार (क्षतिग्रस्त) हुआ, लेकिन, मेरे परिजनों ने मेरी इस दौरान खूब सेवा की और बीमारी को ठीक कर फिर से मुझे खूबसूरत बना दिया। लॉकडाउन में मुझे यह अफसोस नहीं है कि लोग नहीं आ रहे...मैं तो बस अपने शुभचिन्तकों की सलामती चाहता हूं। मुझे बस यह खबर मिल जाए कि वो सभी लोग सुरक्षित हैं, तो मेरे हृदय को संतोष मिलेगा। 

जस्ट टुडे का जताया आभार

मैं अपने सभी प्यारे परिजनों को यही संदेश देना चाहता हूं कि घर पर रहें, सुरक्षित रहें। सरकार की हिदायतों का पूर्ण पालन करें। कोरोना वायरस ने भले ही कुछ समय के लिए हमें तन से दूर कर दिया हो, लेकिन हम सभी मन से सदैव एक-दूसरे के पास ही हैं। सांगा सर्किल को जस्ट टुडे ने बताया कि आपके सभी परिजन सुरक्षित हैं तो उन्होंने खुशी प्रकट की। सर्किल ने जस्ट टुडे का आभार जताया कि उसने परिजनों की कुशलता का समाचार सुनाया। जस्ट टुडे ने भी उनसे वादा किया कि वे उनकी भावनाओं को उनके क्षेत्रवासियों तक जरूर पहुंचाएंगे। 


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