कोरोना वैक्सीन पर देश के वैज्ञानिक ने दी खुशखबरी

- चार पद्धतियों से बन रही कोविड वैक्सीन, अक्टूबर तक पहली सफलता संभव



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जस्ट टुडे

जयपुर। कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में दुनियाभर के वैज्ञानिक जुटे हैं। ऐसे में भारत के वैज्ञानिकों की तरफ से खुशखबर आई है। भारत के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन की माने तो अक्टूबर तक कुछ कम्पनियां इसकी प्री-क्लीनिकल स्टडीज तक पहुंच सकती है। यह खुशी की बात इसलिए भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ही हम आगे बढ़ रहे हैं। राघवन ने बताया कि दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की चार प्रक्रियाएं हैं। भारत में इन चारों पद्धतियों के तहत ही देश में वैक्सीन बनाने का कार्य किया जा रहा है।



डॉ. राघवन ने कहा, कुछ कम्पनियां एक फ्लू वैक्सीन के बैकबोन में आरऐंडडी कर रही हैं, लगता है अक्टूबर तक प्री-क्लीनिकल स्टडीज हो जाएगी। कुछ फरवरी 2021 तक प्रोटीन बनाकर वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में जुटी हैं। कुछ स्टार्टअप्स और कुछ एकेडमिक्स भी वैक्सीन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही हम विदेशी कम्पनियों से भी साझेदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी कम्पनियों के साथ साझेदारी में हम अगुआई कर रहे हैं जबकि कुछ की अगुवाई में हम अपना योगदान दे रहे हैं।


इन चार तरीकों से बना रही है वैक्सीन


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देश के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा, पहला तरीका है, एमआरएनए वैक्सीन। इसमें वायरस के जैनेटिक मटीरयल लेकर उसी को इंजेक्ट कर लेते हैं। हमारा शरीर उसे ट्रांसलेट करके वायरल प्रोटीन बनाता है। फिर जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो इम्यून रेस्पॉन्स तैयार होता है। दूसरा तरीका है, स्टैण्डर्ड वैक्सीन। इसमें वायरस का कमजोर वर्जन लेते हैं। हमारे यहां रोटावैक वैक्सीन आया था, वो रोटावैक स्ट्रेन से बनाया गया था। कोविड-19 के लिए भी यह प्रयास हो रहा है। तीसरी पद्धति में किसी और वायरस के बैकबोन में इस वायरस के प्रोटीन कोडिंग रीजन को लगाकर वैक्सीन बनाते हैं। चौथे तरीके में वायरस का प्रोटीन लैब में बनाकर दूसरे स्टिमूलस के साथ लगाते हैं। 


100 गुना ज्यादा होगा खर्च


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उन्होंने कहा कि आम तौर पर वैक्सीन बनाने में 10 से 15 साल लग जाते हैं और उनकी लागत 20 करोड़ से 30 करोड़ डॉलर तक आती है। चूंकि, कोविड-19 के लिए एक साल में वैक्सीन बनाने का लक्ष्य है, ऐसे में खर्च बढ़कर सौ गुना यानी 20 अरब से 30 अरब डॉलर हो सकता है।

भारत के वैक्सीन दुनिया में टॉप

डॉ. राघवन ने कहा कि भारत में तैयार वैक्सीन दुनिया में टॉप क्लास के हैं। देश के लिए गौरव की बात है कि दुनियाभर के बच्चों को जो तीन वैक्सीन दिए जाते हैं, उनमें दो भारत में बनते हैं। 


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