अब देशी माल करेगा निहाल

4.0 लॉकडाउन की घोषणा, 17 मई से पहले बताए जाएंगे नियम- कायदे
 5 वीं बार प्रधानमंत्री मोदी ने दिया देश के नाम संदेश 
20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान
33 मिनट की स्पीच में आत्मनिर्भर भारत रहा केन्द्र बिन्दु


जस्ट टुडे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार शाम 8 बजे देश के नाम पांचवां संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया ने कभी ऐसा संकट नहीं देखा है। हमें इस संकट से बचना भी है और आगे बढऩा भी है। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा समय बीत गया है। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है। भारत में भी अनेक परिवारों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया और कहा कि यह आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देगा। देश में लॉकडाउन के 54 दिन में यह उनका पांचवां संदेश है।



इसमें उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की भी घोषणा की। हालांकि, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप में होगा। इसके नियम-कायदे 17 मई से पहले घोषित किए जाएंगे और अगला लॉकडाउन कितने दिन और बढ़ेगा, वो भी तभी बताया जाएगा। उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी ब्राण्ड को ही वरीयता देने का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी को अब लोकल का ब्रोकर बनना पड़ेगा। यानी स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल भी करना है और उनका प्रचार-प्रसार भी करना है।



आत्मनिर्भर भारत ही एकमात्र मार्ग


आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा, हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमने कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में भी यही कहा गया है। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत, एक संदेश, एक अवसर लेकर आई है।


आपदा को अवसर में बदला


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मोदी ने कहा कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। ऐसा करने की भारत की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है। उन्होंने कहा कि हमारे पास साधन, सामथ्र्य है,दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है। हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे। अपनी 
क्वालिटी और बेहतर करेंगे। सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे। 


5 पिलर आत्मनिर्भरता की इमारत के

- इकॉनोमी
- इन्फ्रास्ट्रक्चर
- सिस्टम
- डेमोग्राफी
- डिमांड


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