प्रदेश में इस तरह लगाई जाएगी कोरोना पर लगाम

राजस्थान ने योजनाबद्ध तरीके काम किया, ‘भीलवाड़ा मण्डल‘ की देश भर में हो रही चर्चा

 



जस्ट टुडे


जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव की बढ़ती तादात को नियंत्रित करने और इसे समुदाय में फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन कार्यवाही निरंतर जारी है। कोरोना प्रभावित शहरों में भीलवाड़ा मण्डल में स्थानीय जरूरतों के अनुसार सुधार कर लागू किया जाएगा। 




 


डॉ.  शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राजस्थान ने योजनाबद्ध तरीके काम किया है। यही वजह है कि ‘भीलवाड़ा मण्डल‘ की देश भर में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि  स्थानीय प्रतिनिधियों, वरिष्ठ चिकित्सकों, महामारी विशेषज्ञों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से विस्तार से चर्चा कर स्थानीय आवश्यकतानुसार कोरोना रोकथाम की कार्यवाही की जा रही है।  उन्होंने कहा कि जिस स्तर पर स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल और अन्य विभागों के अधिकारी जिस मुस्तैदी से लगे हुए हैं उसे देखकर लग रहा है कि रामगंज सहित अन्य शहरों पर जल्द ही नियंत्रण पा लिया जाएगा।

 

रामगंज की भौगोलिक परिस्थितियां अलग


चिकित्सा मंत्री ने कहा कि  रामगंज की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। परकोटे में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है। ऎसे में उस क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ क्वारेंटाइन अपने आप में एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जयपुर में क्वारेंटाइन सुविधा को बढ़ाया जा रहा है ताकि उनमे सोशल डिस्टेंसिंग के लिए क्वारेंटाइन में रखा जा सके।


5 करोड़ 37 लाख सदस्यों की हो चुकी स्क्रीनिंग



उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर, टोंक, झुंझुनूं, चूरू, बीकोनर और कोटा आदि शहरों में जहां कोरोना पॉजीटिव के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इन सभी क्षेत्रों में विभाग के अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी अधिक सर्तकता और सजगता से काम कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सघन स्क्रीनिंग की व्यवस्था की है। विभाग की एक्टिव सर्विलांस टीम ने राज्य भर में 12.5 लाख परिवारों के 5 करोड़ 37 लाख सदस्यों का सर्वे कर स्कि्रीनिंग कर चुकी है।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इंटेसिव सैंपलिंग का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की ज्यादा से ज्यादा जांचें करने के लिए हमारे पास पर्याप्त व्यवस्था है। प्रदेश में रैपिड टेस्टिंग किट द्वारा जांच की भी जल्द शुरुआत की जाएगी।


37 व्यक्ति हुई नेगेटिव


डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में आदिनांक तक पॉजीटिव पाए  328 में से 37 व्यक्ति उचित उपचार से पॉजीटिव से नेगेटिव भी हो चुके हैं। इनमें से 32 लोगों को  डिस्चार्ज भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग पॉजीटिव हैं, वे भी पूरी तरह नियंत्रण में है। रोगी का 14 दिन का कोर्स होने पर जांच में नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाता हैं। उसके बाद भी इन लोगों पर 28 दिन तक स्वास्थ्य विभाग की टीम निगरानी करती है।

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