क्या राजस्थान पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल?
दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर 30 अप्रेल के आस-पास कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना
जस्ट टुडे
पोर्ट ब्लेयर। भारतीय मौसम विभाग ने विभिन्न मौसम पूर्वानुमान मॉडलों के आधार पर 30 अप्रेल को दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर और उसके निकट कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई है। साथ ही 48 घंटों के दौरान इसमें और तेजी आने की संभावना भी व्यक्त की गई है।
शुरुआत में इसके उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढऩे और उसके बाद उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर बढऩे की संभावना है।
मूसलाधार बारिश की चेतावनी
इसके फलस्वरूप 30 अप्रेल को निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। हालांकि, कई हिस्सों में वर्षा हल्की से मध्यम भी रहेगी। समय के साथ इसकी तीव्रता भी बढऩे की संभावना जताई गई है।
अगले माह की पहली तारीख को मूसलाधार बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। राज्य सरकार ने मछुआरों को 30 अप्रेल से 3 मई तक समुद्री क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है।
प्रदेश में बारिश के साथ गिर सकते हैं ओले
30 अप्रैल और 1 मई को उत्तरी सुमात्रा तट, दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में और 2 मई और 3 मई 2020 को उत्तरी अंडमान सागर, अंडमान द्वीप समूह और दक्षिण पूर्व और मध्य-पूर्व बंगाल की खाड़ी में 40-50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने की संभावना है। ऐसे में इसका प्रभाव राजस्थान में होगा। प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है। क्योंकि, बंगाल की खाड़ी से उठने वाली तेज हवाएं राजस्थान में सर्दी का अहसास करा सकती हैं। साथ ही बंगाल की खाड़ी में यदि हवा का दबाव बना तो प्रदेश में तेज बारिश होने का अनुमान जताया गया है। ऐसे में कोरोना वायरस को भी अनुकूल मौसम मिलने से फिर संक्रमणों में तेजी आने की आशंका के बादल और जोर पकड़ सकते हैं।