कोरोना का रेपिड टेस्ट करने वाला राजस्थान पहला राज्य : गहलोत

मीडिया के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने दी जानकारी, पहले दिन 60 लोगों की जांच...सभी आए निगेटिव

जस्ट टुडे
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में रेपिड एंटी बॉडी टेस्ट से कोरोना की जांच शुरू हो गई है। रेपिड टेस्ट करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि पहले दिन जयपुर की तोपखाना देश (जाजू डिस्पेंसरी) शहरी स्वास्थ्य केंद्र में 60 लोगों की जांच की गई, जो सभी निगेटिव पाई गईं। 



गहलोत मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मीडियाकर्मियों के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 10 हजार टेस्ट किट प्राप्त होते ही जांच शुरू कर दी गई है। 2 लाख किट तीन दिन में पहुंच जाएंगी। उन्होंने बताया कि रेपिड टेस्ट कन्फरमेटरी टेस्ट नहीं है, इसलिए पीसीआर टेस्ट की व्यवस्था पूर्व की भांति जारी रहेगी। इसमें किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी।


अलवर में राज्य की पहली कोरोना लैब

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में कोरोना जांच के लिए लैब स्थापित करने पर काम शुरू कर दिया गया है। जनसंख्या तथा औद्योगिक इकाइयां ज्यादा होने के कारण सबसे पहले अलवर में यह लैब स्थापित की जा रही है। सब्जी विक्रेताओं, खाद्य पदार्थों आदि की होम डिलीवरी करने वालों के भी रेपिड टेस्ट करवाए जाएंगे।


अब तक 42,751 टेस्ट, देशभर में अग्रणी

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की जांच की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है। बीते कुछ दिनों में पॉजिटिव मामलों की संख्या कम हुई है, इसका यह कतई मतलब नहीं कि टेस्ट की संख्या कम की गई है। राजस्थान में देश में सबसे ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। अब तक 42 हजार 751 टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश जांचों के मामलों में देशभर में अग्रणी हैं।  


वेंटीलेटर और अन्य उपकरण पर्याप्त मात्रा में


गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार से टेस्ट किट, पीपीई, वेंटीलेंटर तथा अन्य उपकरणों की केन्द्रीकृत खरीद के लिए आग्रह किया था, ऐसा करने पर उपकरणों की उपलब्धता उचित दरों पर जल्द उपलब्ध हो पाते, लेकिन केन्द्र सरकार ने इस सुझाव को नहीं माना। इसके परिणाम स्वरूप खुद राज्यों को ही दुनिया के दूसरे देशों तक दौड़ लगानी पड़ी। अब किट उपलब्ध हो गए हैं तो रेंडम टेस्ट शुरू किए जाएंगे। इससे संक्रमण की वास्तविकता का पता चल सकेगा। अभी प्रदेश में पर्याप्त संख्या में पीसीआर टेस्ट किट, पीपीई किट और वेंटीलेटर्स उपलब्ध हैं। 


प्लाजमा ट्रीटमेंट रिसर्च में एसएमएस भी शामिल


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्लाजमा ट्रीटमेंट पर हो रहे शोध में एसएमएस अस्पताल भी जुड़ा हुआ है। एसएमएस के चार दवाओं के कॉम्बीनेशन पर भी दुनिया के देशों में रिसर्च हो रही है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों सहित हर व्यक्ति ने बेहतरीन काम किया है। 


मॉडिफाइड लॉकडाउन में प्रोटोकॉल में कोई ढील नहीं


गहलोत ने 20 अप्रेल से शुरू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाने सहित सभी प्रोटोकॉल की पालना में कोई ढील नहीं दी जाएगी। केवल उद्योग-धंधों और काम पर आने-जाने के लिए मूवमेंट में आंशिक छूट केन्द्र्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दी जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज का नाम जाहिर करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे कई बार मरीज को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है।


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