कोरोना बम पर आपणो जयपुर

सांगानेर में 12 तबलीगी जमात के लोगों को 14 दिन होम क्वारेंटाइन किया, आमेर, भट्टा बस्ती और परकोटे में भी तबलीगी जमात के लोग चिन्हित 



179 लोग राज्य में कोरोना पॉजिटिव
33  लोग राज्य में तबलीगी पॉजिटिव
55 लोग जयपुर में कोरोना पॉजिटिव
13 लोग जयपुर में तबलीगी पॉजिटिव



जस्ट टुडे
लेशिष जैन
जयपुर। कोरोना वायरस रूपी महामारी से भारत सहित पूरा विश्व जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील और राज्यों में लॉकडाउन के चलते अभी तक भारत वायरस के प्रकोप से ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था। लेकिन, तबलीगी जमात के लोगों ने इस पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दो दिनों के दौरान 14 राज्यों में तबलीगी जमात से जुड़े 647 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस बीच गृह मंत्रालय ने तबलीगी जमात के 360 विदेशी सदस्यों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन 14 राज्यों में राजस्थान भी शामिल है। राज्य के जयपुर सहित कई जिलों में तबलीगी जमात के लोग विदेश से लौटे हैं। अब डर यह नहीं है कि ये विदेश से आए हैं, बल्कि विदेश से आने के बाद ना तो इन्होंने जांच कराई और ना ही स्वयं को क्वारेंटाइन किया। ये इस दौरान ना जाने कितने लोगों के सम्पर्क में आए और ना जाने कितने लोगों को कोरोना का वायरस 'उपहार ' में दे दिया। राजधानी जयपुर में रामगंज के चलते स्थिति पहले से ही खराब थी। अब सांगानेर क्षेत्र सहित कई जगह तबलीगी जमात के लोग मिलने से सनसनी फैल गई है। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने सांगानेर में इन तबलीगी जमात के लोगों को होम क्वारेंटाइन कर दिया है। लेकिन, जानकारों को डर यह है कि रामगंज में ओमान से लौटे संदिग्ध युवक को भी होम क्वारेंटाइन किया गया, लेकिन बाद में उसे फॉलो नहीं किया गया। वह युवक बेरोकटोक घूमता रहा और कई लोगों को कोरोना पॉजिटिव बना दिया। एहतियातन पुलिस प्रशासन को पूरा परकोटा ही सील करना पड़ा है। यदि सांगानेर में भी जिम्मेदारों ने ऐसी लापरवाही बरती तो फिर जयपुर की तस्वीर और भयावह हो सकती है। जानकारों का कहना है कि इस समय जयपुर कोरोना के बम पर बैठा है।


मालपुरा गेट थाना क्षेत्र के हैं 12 लोग


इंडोनेशिया और कम्बोडिया की जमात में शामिल होकर फरवरी के मध्य में दिल्ली लौटे तबलीगी जमात के इन लोगों में 12 जयपुर में सांगानेर क्षेत्र के मालपुरा गेट के निवासी भी हैं। ये लोग कुछ दिन दिल्ली जमात में रहे। उसके बाद मार्च के प्रथम सप्ताह में जयपुर पहुंचे। चूंकि, दिल्ली जमात में शामिल कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में एहतियातन इन 12 लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है। ये सभी 12 लोग मालपुरा थाना गेट क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं। इनमें से तीन की उम्र क्रमश: 53, 58 और 60 वर्ष है। मालपुरा थाना पुलिस ने इन लोगों के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए हैं। साथ ही 14 दिन तक घर में ही रहने की सलाह दी है। 


क्या हुआ रामगंज में


जयपुर के रामगंज में ओमान से लौटे कोरोना संदिग्ध को होम क्वारेंटाइन किया गया, बाद में उसे फॉलो नहीं किया गया। प्रशासन उसे सिर्फ होम क्वारेंटाइन की हिदायत देकर भूल गया। प्रशासन ने इसकी तस्दीक नहीं की, उसने उनकी हिदायतों की पालना की या नहीं। इस दौरान वह सैकड़ों लोगों के सम्पर्क में आया। 24 मार्च को तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल लाया गया और 26 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसके बाद रामगंज में पॉजिटिव का आंकड़ा बढ़ता ही गया। अकेले रामगंज में करीब 35 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद एहतियातन प्रशासन ने पूरे परकोटा क्षेत्र में सेनेटाइजर का छिड़काव किया और पूरे परकोटा को ही सील कर दिया। 


जयपुर की तस्वीर इसलिए भयावह


प्रशासन के मुताबिक राजस्थान में कुल 179 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।  इनमें से 33 पॉजिटिव लोग तबलीगी जमात के हैं। साथ ही दो लोग इटालियन पॉजिटिव हैं। अगर जयपुर की बात करें तो 55 कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनमें से 13 लोग तबलीग जमात के शामिल हैं। रामगंज में एक तबलीग जमात के व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अभी तक यह पता नहीं चला है कि ये तबलीग जमात के लोग कितने लोगों के सम्पर्क में आए हैं। ऐसे में प्रदेश में जयपुर की स्थिति सबसे भयावह है। सांगानेर के अलावा आमेर, भट्टा बस्ती और परकोटे में भी तबलीगी जमात के लोगों को चिह्नित किया गया है। जयपुर कमिश्नरेट के मुताबिक जयपुर में तबलीगी जमात के करीब 42 संदिग्धों की सूचना है।


 1927 में हुई थी तबलीगी जमात की स्थापना


तबलीगी जमात की स्थापना देवबंद के मौलाना मुहम्मद इलियास कांधलावी ने 1927 में मेवात के सामान्य मुस्लिमों को इस्लामिक धार्मिक रीतियों, पहनावे के बारे में शिक्षित करने के लिए की थी। दरअसल, तब मेवाती मुस्लिम हिन्दू रीति-रिवाजों का पालन करते थे। इसका पहला सम्मेलन 1941 में हुआ था और उत्तर भारत के करीब 25,000 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था।


तबलीगी जमात के सम्पर्क में आने वाले तुरन्त कराएं परीक्षण: गहलोत 



मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री रही है तथा जिनमें इस रोग के लक्षण प्रतीत होते हैं, वे स्वयं को छिपाएं नहीं। तुरंत इसका टेस्ट कराएं।
उन्होंने दिल्ली में तबलीगी जमात के सम्पर्क में आने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचे लोगों से भी अपील की है कि वे सम्बंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क कर तुरन्त अपना परीक्षण कराएं। यह उनके खुद के जीवन के साथ ही पूरी मानवता, समाज एवं देश के हित में है।
गहलोत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी जिलों में रैंडम सर्वे के आधार पर टेस्ट कराए जाएं। इससे रोग की वास्तविक स्थिति जानने में मदद मिलेगी। इसमें उन सभी लोगों को शामिल किया जाए, जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री रही हो तथा जिनमें इस रोग के प्रारंभिक लक्षण हों। साथ ही ऐसे स्थान जहां पर्यटकों की आवाजाही अधिक रही है, उन पर इस सर्वे में अधिक फोकस किया जाए।


इसलिए घोषित किया महामारी


जब किसी नई संक्रमणकारी बीमारी के प्रकोप से दुनिया भर के कई देश एक साथ चपेट में आते हैं तो उसे पैंडेमिक की स्थिति कहते हैं और डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को इसी वजह से विश्वव्यापी महामारी का दर्जा दिया है। यह आम महामारी से इस मायने में अलग है कि इसका प्रकोप बहुत बड़े क्षेत्र में होता है, बहुत ज्यादा लोग इससे संक्रमित होते हैं और इसमें आम महामारी की तुलना में कहीं ज्यादा लोगों की मौत होती है या इसकी आशंका होता है। 


ये महामारी भी मचा चुकी हैं तहलका


स्वाइन फ्लू: स्वाईन फ्लू महामारी 2009 में हुई थी, जिसमें जिसमें दुनियाभर में 14,286 लोग मारे गए थे।
एचआईबी और एड्स: इस बीमारी की पहचान सबसे पहले कांगो में 1976 में हुई। 1981 के बाद से इस बीमारी की चपेट में आकर दुनियाभर में 3.6 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, जागरूकता बढऩे और इलाज की तकनीक विकसित होने की वजह से यह बीमारी नियंत्रण में है। 


फ्लू महामारी: इस बीमारी का पहला मामला 1968 में हॉन्ग कॉन्ग में सामने आया था, इसीलिए इसे हॉन्ग कॉन्ग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। फ्लू महामारी की वजह से दुनिया भर में 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।


एशियन फ्लू: इंफ्लुएंजा ए या एशियन फ्लू की शुरुआत भी 1956 में चीन से ही हुई थी। इस फ्लू की वजह से चीन, सिंगापुर,हॉन्ग कॉन्ग और अमरीका में करीब 20 लाख की मौत हो गई थी।


हैजा महामारी: हैजा महामारी की शुरुआत पांच बार पहले भी भारत में ही हुई थी, लेकिन छठी बार इस बीमारी से 8 लाख लोग मारे गए थे। भारत के बाद ये बीमारी मध्य-पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पूर्वी यूरोप और रूस में भी फैल गई। इस महामारी से 2 करोड़ लोगों की असमय मौत हो गई।


ब्लैक डेथ: 1346 से 1353 के बीच यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कई देश प्लैग जैसी भयावह महामारी की चपेट में रहे। एक आंकड़े के मुताबिक इस दौरान प्लेग की चपेट में आकर 20 करोड़ लोगों की जानें चली गईं। 


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