अमरीका बना रहा कोरोना वैक्सीन...साइबर हमले से चुराना चाह रहा चीन

अमरीकी राष्ट्रपति प्रशासन ने ड्रेगन पर एक और लगाया आरोप, चीन के साथ तीन अन्य देशों का भी लिया नाम


जस्ट टुडे
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस दुनियाभर में फैलाने का आरोप चीन पर लगाने वाले अमरीका ने फिर ड्रेगन को आड़े हाथों लिया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि अमरीका में बन रही वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च चुराने की कोशिश चीन ने की है। अधिकारियों का कहना है कि अमरीकी एजेंसियों और मेडिकल संस्थानों पर साइबर अटैक लगातार बढ़ रहे हैं। अधिकारियों ने कहा है कि इन साइबर अटैक से अस्पताल, रिसर्च लैब, हेल्थ केयर प्रोवाइडर और फार्मास्युटिकल कम्पनियों पर इसका गहरा असर पड़ा है। 

इशारों में लिया चीन और रूस का नाम


एक अमरीकी अधिकारी का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ हैल्थ एण्ड ह्यूमन सर्विसेज पर रोजाना साइबर अटैक हो रहे हैं। उन्होंने इशारों में चीन और रूस का नाम लेते हुए कहा कि सिर्फ दो ही जगहें ऐसी हैं, जो इस डिपार्टमेंट पर इस तहर का हमला कर सकती हैं। 

इस समय वैक्सीन से ज्यादा कुछ नहीं

डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने बताया कि कोरोना संकट के समय फिलहाल वैक्सीन बनाने से ज्यादा जरूरी कार्य और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि जो देश पहले इसकी वैक्सीन बनाएगा, वह ना सिर्फ कॉमर्शियली फायदे में रहेगा बल्कि वह जियोपॉलिटिकल भी सफलतम कहलाएगा। 

अमरीकी एजेंसियों के नाम से आ रहे साइबर अटैक

अमरीकी साइबर सिक्योरिटी ग्रिप फायर-आई के मुताबिक चीन के एक ग्रुप ने ब्रॉडकास्ट कैम्पेन चलाया था। अमरीकी विदेश सचिव माइक पोम्पियो का कहना है कि चीन के साइबर हमलों से देश के संसाधन बचाना बेहद अहम है। उन्होंने चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया पर साइबर हमलों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये हमले अमरीकी एजेंसियों के नाम पर फर्जी ई-मेल के जरिए डेटा या जानकारी चुराने, सर्विस रोकने, रैनसमवेयर अटैक के लिए किए जाते हैं। 


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