जेल हो शिफ्ट तो सांगानेर को मिले गिफ्ट

सांगानेर में ना पार्क है ना अस्पताल, जनता वर्षों से बेहाल

जस्ट टुडे
सांगानेर। जयपुर से पहले बसा होने के बाद भी सांगानेर आज तक मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज है। कॉलेज खोलने की वर्षों पुरानी आस तो राज्य सरकार ने पूरी कर दी है। लेकिन, सांगानेर के लोगों की अभी भी कई मूलभूत आवश्यकताएं हैं, जिनके लिए उन्हें वर्षों से इंतजार हैं। इस सम्बंध में सांगानेर के लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है। जिसमें सांगानेर क्षेत्र की बढ़ती आबादी के लिए जनसुविधाएं विकसित करने की मांग की गई है। इन मांगों में सैटेलाइट अस्पताल, सेन्ट्रल पार्क, सरकारी कार्यालय एवं अधिकारियों के लिए इमारत के निर्माण के साथ ही खुली जेल को दूसरी जगह शिफ्ट करना शामिल है। 

ये आस आ जाएं पास
सांगानेर निवासी समाज सेवी पुरुषोत्तम नागर ने बताया कि संागानेर के एकमात्र सामुदायिक चिकित्सालय पर भारी दबाव है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से 
आने वाले रोगियों को पूर्ण एवं समुचित सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इसलिए इस अस्पताल को क्रमोन्नत कर सैटेलाइट अस्पताल के रूप में विकसित किया जाए। वहीं सांगानेर की जनसंख्या को देखते हुए यहां के उद्योग-धंधों के कारण पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है। इसलिए यहां पर सेन्ट्रल पार्क विकसित किया जाए। जहां पर सभी उम्र के व्यक्ति नियमित भ्रमण कर स्वास्थ्य लाभ ले सकें। इसके अतिरिक्त सरकारी कार्यालयों एवं अधिकारियों के निवास के लिए शहर के नजदीक इमारत भी बनवाई जाए। 

...तो एक ही जगह होंगी समस्त सुविधा
उन्होंने बताया कि ये सभी सुविधाएं सांगानेर वासियों को आबादी के नजदीक एक ही जगह पर मिल सकती हैं। ये जगह सम्पूर्णानन्द शिविर ओपन जेल का परिसर है। उन्होंने बताया कि उक्त ओपन जेल की भूमि रिफ्यूजी कैम्प के नाम से 4.99 हैक्टेयर एवं केन्द्रीय कारागृह के नाम से 1.78 हैक्टेयर (कुल 6.99 हैक्टेयर) राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। यदि इस ओपन जेल को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाए तो इस भूमि पर राज्य सरकार समस्त जनसुविधाएं विकसित कर सकती हैं। साथ ही सांगानेर के भविष्य की योजनाओं के लिए भी भूमि उपलब्ध हो सकेगी। 

यहां हो सकती है जेल शिफ्ट
मुहाना मंडी सांगानेर के पास मुहाना बीड वन विभाग की भूमि है। वहां पर इस ओपन जेल को शिफ्ट किया जा सकता है। वहां पर शिफ्ट करने से बन्दियों को मुहाना फल-सब्जी मंडी में रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। इसके अतिरिक्त हिंगोनिया गौशाला बस्सी के पास भी इस ओपन जेल को शिफ्ट किया जा सकता है। इससे बंदियों को गौशाला में कार्य मिल सकेगा और गौधन की सेवा भी हो सकेगी। 


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