'मंगल' स्वर कब बन जाएं 'अमंगल'...खुद नहीं जानते मंगल

 - वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता 'मंगल' जब होते हैं वक्री...घुमा देते हैं सांगानेर मण्डल की चकरी

जस्ट टुडे
जयपुर।
सांगानेर भाजपा मण्डल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में शुमार मंगल चौहान और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है। कभी इनके श्रीमुख से विधायक अशोक लाहोटी और सांगानेर भाजपा मण्डल के लिए 'मंगल' स्वर निकलते हैं तो अचानक से 'मंगल' स्वर 'अमंगल' बन जाते हैं। इनके रूप बदलने की इस द्रुतगामी गति से तो शायद बहरूपिया भी शरमा जाए। खैर, अब बात करते हैं मुद्दे की। वरिष्ठ कार्यकर्ता मंगल चौहान ने उपेक्षा से नाराज होकर कुछ दिनों पहले भाजपा की सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे पर खूब रार हुई थी और मण्डल की भी किरकिरी हो रही थी। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि मण्डल पदाधिकारियों ने मंगल चौहान को वार्ड संयोजक जैसा कोई पद देने की बात कहकर इस्तीफा वापस करवा लिया है। इस लॉलीपॉप से खुश हुए मंगल चौहान के गले से सांगानेर मण्डल के लिए फिर 'मंगल' स्वर निकलने लग गए हैं। हालांकि, सांगानेर मण्डल के लिए मंगल से कब 'अमंगल' स्वर निकलने लग जाए, इसके बारे में पुख्ता तो शायद स्वयं मंगल चौहान भी नहीं बता सकते हैं। जस्ट टुडे ने वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता मंगल चौहान की इस रूप बदलने की कला पर बारीकी से शोध किया। शोध के जरिए जस्ट टुडे ने आखिर खोज ही लिया कि कब और क्यों?, मंगल चौहान के श्रीमुख से निकले 'मंगल' स्वर ने 'अमंगल' स्वर का रूप अख्तियार कर लिया। जस्ट टुडे के सुधि पाठकों के लिए पूरा शोध ज्यों का त्यों...

व्रकी 'मंगल' का सांगानेर मण्डल पर अब तक यह रहा असर

- भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता मंगल चौहान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसमें लिखा हुआ था कि विधायक साहब...गरीब एससी के कार्यकर्ताओं के यहां शादी-समारोहों में नहीं जाते हैं। इसी के साथ एक और पोस्ट में लिखा हुआ था, सांगानेर विधायक नहीं रखते कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान। कार्यकर्ता मात्र झण्डा उठाने के लिए पैदा हुए हैं। इसके बाद विधायक लाहोटी उनके घर गए। इससे खुश होकर मंगल चौहान ने सोशल मीडिया पर विधायक की तारीफों के पुल बांधे थे। 

- मंगल चौहान सोशल मीडिया फ्रेण्डली हैं। ऐसे में वे अपनी बात को तुरन्त रख देते हैं। इसी तरह से मंगल चौहान ने लिखा था कि मंडल के सांगानेर कार्यकर्ताओं की मीटिंग में हमारे जैसे कर्मठ व सच्चे कार्यकर्ताओं को नहीं बुलाकर मंडल अध्यक्ष और हमारे पार्षद महेन्द्र कुमावत ने साबित कर दिया है कि कार्यकर्ताओं को मात्र समय पर काम में लेवें और नारे लगाएं। सच्चे कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना बहुत गलत बात है। आगे सभी कार्यकर्ता ध्यान दें कि आप केवल इस्तेमाल की वस्तु बनकर न रह जाएं। इसके थोड़ी देर बाद मंगल चौहान ने सांगानेर मण्डल अध्यक्ष और हमारे पार्षद महेन्द्र कुमावत के जयकारे लगाए। 

- सांगानेर मण्डल की कार्यकारिणी की घोषणा के बाद मंगल चौहान कोप भवन में चले गए। क्योंकि, वादे के बाद भी उन्हें कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया था। इस पर उन्होंने वाट्सएप के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, श्रीकांत जांगिड़ व प्रिया गौतम को मंडल में जगह दी है। इन सभी को भारतीय जनता पार्टी में कितना समय हो गया। सत्यनारायण सैनी का कभी नाम सुना है क्या आपने भारतीय जनता पार्टी में। 

- मण्डल कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने से खफा मंगल चौहान का गुस्सा यही नहीं थमा। उन्होंने लिखा कि सांगानेर मण्डल की लिस्ट बनाने वाले बेवकूफों से पूछना चाहता हूं कि पैदाइशी बेवकूफ हो या फिर बेवकूफ होने का कोर्स किया है। इसके बाद लिखा कि सांगानेर मण्डल का नया शस्त्र(ताम्बूल, पान, मसाला), मण्डल बना कमण्डल। 

- मंगल चौहान यही नहीं रूके, उन्होंने एक पोस्ट में फिर लिखा कि सांगानेर में राजा और सेनापति दलित(एससी) सैनिकों का शोषण व भेदभाव करते हैं। बेशर्म लोग अम्बेडकर जयन्ती मना रहे हैं, किस हक से, दलित विरोधी सांगानेर मण्डल। फिर लिखा मण्डल बना कमण्डल। 

- अपनी उपेक्षा से नाराज हुए वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता मंगल चौहान ने एक अन्य पोस्ट के जरिए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता का त्याग करने की घोषणा कर दी। इसमें यह भी लिखा था कि मेरी वजह से किसी भाई का दिल दुखा हो तो मुझे माफ कर देना। इसके बाद अब फिर से मंगल चौहान सांगानेर भाजपा मण्डल की तारीफों के पुल बांधने लग गए हैं। ऐेसे में उनके चाहने वाले उनका नया रूप देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 

वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने दी नसीहत...सच्चा कार्यकर्ता पद का नहीं सम्मान का होता है भूखा

सूत्रों का कहना है कि सांगानेर भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता मंगल चौहान की आंखों में फिर से पद मिलने का सपना तैर रहा है। ऐसे में वे अन्य साथियों को फोन कर मान-मनौव्वल करने में जुटे हुए हैं। वे उन समस्त नाराज साथियों को भी पद दिलाने का प्रलोभन दे रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जिला संगठन की ओर से जल्द ही वार्ड संयोजक बनाए जाएंगे। ऐसे में मंगल चौहान स्वयं को वार्ड संयोजक की रेस में आगे मान रहे हैं। इनके साथी और वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे पहले मंगल चौहान को मण्डल कार्यकारिणी में शामिल करने का आश्वासन दिया गया था। अब फिर से मंगल चौहान को पद का लालच दिया गया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि मंगल चौहान को बस पद ही चाहिए...पद के सिवाय उन्हें कुछ नहीं चाहिए। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने जस्ट टुडे के जरिए मंगल चौहान से पूछा है कि यदि इस बार भी उन्हें पद नहीं मिला तो क्या वे फिर से सांगानेर भाजपा मण्डल की पोल खोलने लग जाएंगे। इन कार्यकर्ताओं ने नसीहत देते हुए कहा है कि मंगल चौहान...अब बस करो। भाजपा के सच्चे कार्यकर्ता को पद का लोभ नहीं होता है, वह तो असल में सम्मान का भूखा होता है। 


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