अगले माह से आधार कार्ड से मिलेगा गेहूं, राजस्थान पहला राज्य
राशन वितरण आसान एवं पारदर्शी बनाने के लिए उठाए कई कदम
288 से अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित
जस्ट टुडे
जयपुर। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ राशन वितरण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश में मई माह से राशन कार्ड नम्बर के स्थान पर आधार कार्ड नम्बर दर्ज कर ओटीपी के माध्यम से ही गेहूं वितरण किया जाएगा। ऎसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आमजन को राशन सामग्री का वितरण आसान एवं पारदर्शी तरीके से करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पोस मशीन से राशन वितरण बायोमैट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी से किया जा रहा है। फिलहाल ओटीपी नहीं आने पर राशन कार्ड नम्बर रजिस्टर में दर्ज कर राशन वितरण किया जा रहा है।
लाभार्थी को लाना होगा आधार कार्ड
लाभार्थी को राशन सामग्री प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड साथ में लाना अनिवार्य होगा। उचित मूल्य दुकानदार की ओर से आधार कार्ड नम्बर पोस मशीन में दर्ज कर ओटीपी के माध्यम से लाभार्थी को खाद्यान्न वितरण किया जाएगा। डोर-टू-डोर डिलीवरी की भी व्यवस्था की गई है।
महाजन ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में जारी एडवाइजरी का पालन नहीं करने और निरीक्षण के दौरान अनियमितता मिलने पर अब तक 94 एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही 288 से अधिक राशन दुकानों के लाइसेंस निलम्बित कर दिए हैं। साथ ही अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा कीमत पर सामान बेचने पर कड़ी कार्रवाई की गई है।
एमआरपी से ज्यादा कीमत लेने पर साढ़े बारह लाख का जुर्माना वसूला
महाजन ने बताया कि राज्य सरकार आमजन को सही दर पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। मास्क, हैंड सेनेटाइजर, किराना सामान की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा कीमत वसूलने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभागीय टीम ने एक हजार 137 मेडिकल स्टोर्स एवं एक हजार 719 किराना दुकानों सहित 2 हजार 965 प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही कर 316 केस दर्ज किए हैं। इनमें से 301 केस कंपाउंड कर 12 लाख 58 हजार 500 रुपए का जुर्माना वसूला है।